(www.arya-tv.com) बरेली में हुए संप्रदायिक बवाल के बाद SSP प्रभाकर चौधरी को हटा दिया गया। चर्चा शुरू हुई कि क्या इस बवाल को रोका जा सकता था? जिन कांवड़ियों पर योगी फूल बरसाते हैं, उन पर लाठीचार्ज करने की जरूरत क्यों पड़ी?
इसी बीच, एक CCTV फुटेज भी सामने आया है। इसमें कांवड़ियों के बीच एक शख्स पहले हाथ हिलाकर आगे बढ़ता है। इसके बाद तमंचा निकाल लेता है। फिर वह कांवड़ियों के बीच फायरिंग कर देता है। इस फुटेज में दिख रहे शख्स को पुलिस तलाश रही है।
रूट पर अड़े कांवड़िए, मुस्लिम पक्ष को DJ की साउंड से दिक्कत
रविवार को कांवड़िए जोगी नवादा के रास्ते से DJ कांवड़ ले जा रहे थे। कांवड़ियों ने बारादरी में शाह नूरी मस्जिद के सामने से DJ वाहन को निकाला। यहां मुस्लिमों ने विरोध करते हुए कहा कि यह कांवड़ियों का रूट नहीं है, नई परंपरा शुरू की जा रही है। इसके बाद विवाद बढ़ गया और और देखते ही देखते नारेबाजी शुरू हुई, तो तनाव बढ़ गया। पुलिस-प्रशासन भी बैकफुट पर आ गया। आखिर में जब कुछ लोगों ने हवाई फायरिंग कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
मुस्लिम पक्ष के लोगों ने मस्जिद के सामने डीजे का विरोध जताया
28 जुलाई को जमात रजा-ए-मुस्तफा से जुड़े मोइन खान के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाएं आईजी ऑफिस पहुंची। लिखित शिकायत शाहीन ने दी। जिसमें महिला ने कहा कि 23 जुलाई को कांवड़िए, ढोल नगाड़े, डीजे बजाते हुए मस्जिद के सामने पहुंचे। भीड़ ने चूना पाउडर, ईंट-पत्थर मस्जिद के सामने फेंके। मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया, तो ये लोग हमारे घरों में घुस गए। महिलाओं से छेड़छाड़ कर लूटपाट की। महिलाओं ने जो जेवर पहन रखे थे वह भी लूट लिए।
भीड़ को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि भीड़ अधिक थी, डीजे भी अधिक ऊंचा था। लोगों को समझाने का प्रयास किया गया। जब नारेबाजी और हंगामा हुआ तो पुलिस ने लोगों को तितर बितर करने लिए लाठी फटकारीं। जिसके बाद पुलिस ने माहौल को शांत कराया। कुछ लोग माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे थे।
इसी स्थान पर 23 जुलाई को हुआ पथराव
रविवार को बारादरी के जोगी नवादा में जिस स्थान पर बवाल हुआ। इसी स्थान पर कांवड़ियों पर 23 जुलाई को भी पथराव हुआ था। जिसके बाद 4 घंटे तक कांवड़िए धरना प्रदर्शन पर रहे। पुलिस ने 25 जुलाई को बारादरी थाने में एफआईआर दर्ज की, जिसमें पुलिस ने कहा कि दोनों पक्षों से 250 लोगों ने पथराव किया। दोनों पक्षों पर ही एफआईआर की गई। जिसमें पुलिस ने एफआईआर में लिखा था कि शाह नूरी मस्जिद के सामने अज्ञात लोगों ने चूने जैसा सफेद पाउडर उड़ाया, जिसके बाद पथराव किया गया।
बरेली में कांवड़ यात्रा के दौरान रविवार को लाठीचार्ज के मामले में शासन ने एसएसपी बरेली प्रभाकर चौधरी को हटा दिया। उन्हें 32 वीं वाहिनी पीएसी में कमांडेंट बनाया गया है। अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने पीएसी में तैनाती की मांग की थी।
प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। 2012 में उनकी सहायक पुलिस अधीक्षक के तौर पर पहली तैनाती हुई। पिछले 11 साल की सेवा के दौरान वह 20 जिलों में एसएसपी/एसपी रह चुके हैं। जबकि कप्तान, पीएसी और इंटेलिजेंस को मिलाकर उनका 32वीं बार ट्रांसफर हुआ है।