चारबाग से वसंतकुंज तक मेट्रो का DPR दोबारा बनेगा:12 स्टेशन बनेंगे, प्रोजेक्ट में देरी होने से लागत बढ़नी तय

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) चारबाग से वसंतकुंज योजना तक मेट्रो का डीपीआर तीन साल बाद फिर से संशोधित किया जाएगा। ऐसे में यह इस प्रोजेक्ट की लागत बढ़नी तय है। पिछले तीन साल में सभी प्रोडक्ट के दाम बढ़ने की वजह से अब लागत बढ़ जाएगी। जबकि साल 2019 में डीपीआर में संशोधन किया गया था, उस समय दलील थी कि लागत को कम करने के लिए यह संशोधन हो रहा है, लेकिन अब अधिकारियों की लापरवाही से लागत बढ़ना तय है। हालांकि सार्वजनिक मंच पर आकर कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहा है।

रूट पर कोई भी काम नहीं हो पाया

स्थिति यह है कि डीपीआर साल 2019 में फाइनल होने के बाद भी रूट पर कोई भी काम नहीं हो पाया है। अब साल 2022 के मुताबिक दोबारा डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है। लखनऊ मेट्रो से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि विभागीय बैठक के बाद डीपीआर को बदलने का फैसला किया गया है। इसमें तय किया गया कि लखनऊ मेट्रो के ईस्ट वेस्ट कौरिडोर के लिए संशोधित डीपीआर शासन को भेजा जाएगा।

डीपीआर वर्ष 2013 में तैयार किया गया था

सूत्रों का कहना है कि ईस्ट वेस्ट कौरिडोर (चारबाग से वसंतकुंज) तथा नार्थ साउथ कौरिडोर (एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया) का डीपीआर वर्ष 2013 में तैयार किया गया था। उस दौर में छह महीने के अंदर नॉर्थ साउथ कौरिडोर का निर्माण शुरू होना था। लेकिन नौ साल बाद भी प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाया है। पहले नॉर्थ साउथ कौरिडोर का काम शुरू किया जिसका काम सपा और बाद में बीजेपी के कार्यकाल में पूरा किया गया। उस समय सरकार की तरफ से चारबाग से वसंतकुंज मेट्रो कौरिडोर का बजट काफी ज्यादा बता कर इसको कम करने का प्रस्ताव दिया गया। लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। अब फिर से डीपीआर बनेगा। जानकारों का कहना है कि प्रोजेक्ट जितना लेट होगा लागत बढ़नी तय है।

10 लाख की आबादी को मेट्रो में चलने का अवसर उपलब्ध होता

इस प्रोजेक्ट पर 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें चारबाग, गौतमबुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पाण्डेयगंज, सिटी स्टेशन, मेडिकल कॉलेज चौराहा, नवाजगंज, ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग तथा वसंतकुंज  शामिल है। इससे पूरे पुराने लखनऊ को कवर किया जाएगा। लेकिन अभी तक यह योजना शुरू नहीं हो पाई, जबकि इसको समय से शुरू किया गया होता तो आज करीब 10 लाख की आबादी को मेट्रो में चलने का अवसर उपलब्ध होता।