(www.arya-tv.com) माफिया अतीक अहमद के खिलाफ यूं तो सौ से अधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन पहली बार किसी मुकदमे में फैसला आने जा रहा है। उमेश पाल अपहरणकांड में इलाहाबाद की MP-MLA कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगी। अतीक और उसके गैंग के खिलाफ दर्ज मुकदमों में ज्यादातर गवाह पलटते रहे।
सिर्फ उमेश पाल ने अपने अपहरण के मामले को लगभग अंजाम तक पहुंचा दिया, लेकिन फैसले से एक महीने पहले उनकी हत्या कर दी गई। ऐसे में मंगलवार यानी आज का दिन अहम है। अतीक अहमद और उसका भाई समेत बाकी आरोपी दोष सिद्ध होते हैं, तो सजा सुनाई जा सकती है।
50 मामलों में कोर्ट में चल रही सुनवाई
अतीक के खिलाफ कुल 101 मुकदमे दर्ज हुए। वर्तमान में कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं, जिनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। यूपी पुलिस के डोजियर के अनुसार, माफिया अतीक अहमद और उसके गैंग IS- 227 के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज हैं।
उस पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था। हत्या, लूट, रंगदारी अपहरण के न जाने कितने मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज होते रहे। मुकदमों के साथ ही उसका राजनीतिक कद भी बढ़ता रहा।
ADG अभियोजन आशुतोष पांडेय के मुताबिक,’माफिया अतीक अहमद पर 1996 से अब तक दर्ज मुकदमों में से 50 मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन हैं। आज (मंगलवार) को उसके और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के खिलाफ प्रयागराज के धूमनगंज थाना में दर्ज उमेश अपहरण कांड में फैसला आना है। वहीं, उससे जुड़े 3 मुकदमों में अभियोजन की पैरवी के चलते जल्द फैसला आने की उम्मीद है। इनका ट्रायल कोर्ट में चल रहा है।’
12 मुकदमों में नहीं हो पा रहा था ट्रायल
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक,’माफिया अतीक अहमद के 12 मुकदमो में वकीलों के लगातार कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने से ट्रायल नहीं हो पा रहा था। इसके बाद ADG आशुतोष पांडेय के समीक्षा की।अपर निदेशक अभियोजन, प्रयागराज परिक्षेत्र राजेश कुमार श्रीवास्तव ने अभियोजक के साथ के मिलकर उन्हें कोर्ट में रखा।
अब माफिया अतीक अहमद के इन 12 मामले भी अपर सत्र न्यायाधीश MP-MLA इलाहाबाद और सिविल जज (वरिष्ठ श्रेणी) पीठासीन अधिकारी MP-MLA, इलाहाबाद में सुनवाई चल रही है।
पत्नी और बेटों के नाम दर्ज हैं 8 मुकदमें
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के खिलाफ 3, बेटे अली के खिलाफ 4 और उमर के खिलाफ 1 केस दर्ज है। पत्नी के खिलाफ दर्ज तीनों केस का ट्रायल स्पेशल CJM कोर्ट में चल रहा है। वहीं अली अहमद के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा भड़काने, धार्मिक भावनाओं से छेड़छाड़ में दर्ज केस की विवेचना की जा रही है।
जबकि अली के खिलाफ आर्म्स एक्ट में दर्ज मुकदमे में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अली करैली में हुई हत्या के प्रयास मामले में नैनी जेल में और उमर सीबीआई द्वारा दर्ज कराए गए डकैती और किडनैपिंग केस में लखनऊ की जेल में बंद है।
14 मामलों में गवाह मुकरे, 4 मुकदमे सरकार ने वापस लिए
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक के राजनीति में कदम रखते ही उसका रसूख बढ़ा। नतीजा डकैती के दौरान हत्या, एससी-एसटी एक्ट, बलवा, अवैध वसूली, गैंगस्टर एक्ट समेत गंभीर धाराओं में दर्ज चार मुकदमे साल 2001, 2003 और 2004 में सरकार ने वापस ले लिए।
वहीं, 14 मामलों में गवाहों के मुकरने, साक्ष्य ने जुटाने के कारण अतीक दोषमुक्त हो चुका है। जबकि 6 मामलों में पुलिस ने जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। जिसको लेकर सरकार की तरफ से दिशा-निर्देश जारी होने के बाद अभियोजन विभाग उनके विषय में कानूनी सलाह ले रहा है।