ट्रेकोमा

सावधान! आंखों की साफ-सफाई की अनदेखी, आपको बना सकती है अंधा

Health /Sanitation

आंखें शरीर का बहुत ही नाजुक अंग है और इसके साथ हुई जरा सी लापरवाही से रोशनी भी जा सकती है। इसीलिए आंखों की साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बारिश के मौसम में सफाई की अनदेखी का ही नतीजा होता है कि कंजेंटिवाइटिस जैसी समस्या हो जाती है ऐसा न करने से अंधेपन का खतरा हो सकता है। ट्रेकोमा

ट्रेकोमा
साफ-सफाई का ध्यान नही देने से एक तरह का बैक्टीरिया जिसे क्लैमाइडिया ट्रेकोमैटिस बैक्टीरिया कहते हैं का संक्रमण आंखों पर हो जाता है। जिसके कारण लोगों में अंधेपन की समस्या हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि दुनियाभर में करीब 14 करोड़ लोग ट्रेकोमा से पीड़ित हैं और उनमें अंधेपन का खतरा मंडरा रहा है। ट्रेकोमा के बैक्टीरिया से पीड़ित व्यक्ति ही एक तरीके का संवाहक होता है। ऐसे व्यक्ति से हाथ मिलाने, कपड़े का आदान-प्रदान करने से यह बैक्टीरिया दूसरे इंसान तक पहुंचते हैं। गंदे वातावरण में रहने वाले लोग इस बीमारी की चपेट में ज्यादा आते हैं।

ट्रेकोमा के लक्षण
ट्रेकोमा के बैक्टीरिया आंखों की ऊपरी पलक की अंदरूनी सतह और कार्निया को प्रभावित करते हैं। इस बीमारी में आंखों की ऊपरी पलक में घाव होने लगता है और फिर पलक अंदर की तरफ मुड़ जाती है। जिससे भयंकर दर्द होता है और पलक रगड़ने से कार्निया को नुकसान होता है।
किसी की आंख में अगर पांच-दस दिन से खुजली और जलन, पानी निकलने की शिकायत होती है और पलक के ऊपर वाले हिस्से में सूजन, गांठ नजर आए और साथ ही दर्द, लालिमा हो तो तुरंत ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

क्या है उपचार
पूरे विश्व में इस गंभीर बीमारी के परिणाम की वजह से डब्ल्यूएचओ ने सेफ नाम से एक मुहिम शुरु किया है। जिसका मतलब है एस से सर्जिकल देखभाल, ए यानी एंटीबायोटिक्स, एफ यानी चेहरे की सफाई और ई यानी साफ-सुथरा वातावरण। मरीज के आंखो की गंभीरता के हिसाब से एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक की सिंगल डोज दी जाती है और इसे कम से कम तीन साल तक दिया जाता है। जिस मरीज को यह बीमारी होती है, उसके आसपास के लोगों को भी एंटीबायोटिक की डोज दी जाती है।