प्रदेश में दो नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के सम्बन्ध में आज विभागवार व जनपदवार समीक्षा की। इस सम्बन्ध में विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के साथ अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में मुख्यमंत्री जी ने इन प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अपने विभागीय मंत्रीगण के नेतृत्व में सम्बंधित विभागों को प्राप्त प्रत्येक औद्योगिक निवेश प्रस्ताव की तत्काल समीक्षा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में विगत 10-12 फरवरी को यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का सफल आयोजन हुआ। इस आयोजन में 10 कन्ट्री पार्टनर, 40 देशों के 1000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों, पार्टनर कण्ट्री के 04 मंत्रीगणों, 17 केंद्रीय मंत्रीगणों, राजदूतों/उच्चायुक्तों और 25,000 से अधिक डेलीगेट्स सहित राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निवेशकों तथा अन्य गणमान्य महानुभावों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता कर उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया। यह आयोजन राज्य की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं तथा युवाओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होने वाला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 देशों के 21 नगरों और देश के 10 शहरों में रोड शो के आयोजन सहित प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निवेशक सम्मेलन के उपरान्त तीन दिवसीय यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से 39.52 लाख करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे 1.10 करोड़ नौकरी व रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अब उत्तर प्रदेश इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इन निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए यह अति आवश्यक है कि निवेशकर्ता से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए। उनकी जरूरतों और अपेक्षाओं का तत्काल समाधान हो। एन0ओ0सी0/क्लीयरेंस देने में अनावश्यक देरी न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, ई0वी0, टेक्सटाइल, डेटा सेंटर, फ़ूड प्रोसेसिंग, सर्कुलर इकोनॉमी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित हर सेक्टर में उद्यमियों ने रुचि दर्शायी है। जी0आई0एस0 के बाद अब तक 08 माह में एम0ओ0यू0 के क्रियान्वयन के लिए किए गए प्रयासों से 8000 से अधिक परियोजनाएं जमीन पर उतरने के लिए तैयार हैं। हमें न्यूनतम 15 लाख करोड़ रुपये की औद्योगिक परियोजनाओं के साथ ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करना चाहिए। इस लक्ष्य के साथ सभी विभाग तैयारी तेज कर दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति सहित सभी सेक्टोरल नीतियों का लाभ निवेशकर्ता को बिना विलम्ब, न्यूनतम ह्यूमन इन्टरफेयरेन्स के मिलना चाहिए। हर एक निवेशक का ध्यान रखें। उन्हें कहीं कोई असुविधा न हो और निवेश प्रस्ताव सरलता के साथ क्रियान्वित हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवगठित बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) में 36,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। यहां सी0ई0ओ0 व अन्य मानव संसाधन की तैनाती तत्काल कर दी जाए। यह प्रयास प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास को एक नई ऊंचाई देने वाला होगा। उद्योगों के लिए भूमि प्राथमिक आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण के लिए नवगठित बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) सहित विभिन्न प्राधिकरणों को आवश्यक धनराशि जारी की गई है। इनका यथोचित उपयोग करते हुए लैंडबैंक का विस्तार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों की आवश्यकता और प्रदेशहित का ध्यान रखते हुए औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्रों में राजस्व संहिता की धारा-80 के अंतर्गत भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति दिए जाने पर यथोचित विचार करते हुए उचित निर्णय लिया जाए। उन्होंने कहा कि अनेक आवासीय परियोजनाएं पूर्ण होने के बाद भी अधिभोग प्रमाण पत्र/पूर्णता प्रमाण पत्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण के स्तर पर लम्बित हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है, इसके सम्बन्ध में तत्काल निर्णय लेकर नियमानुसार प्रमाण पत्र जारी करें। गैर पारम्परिक ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहन देने के क्रम में यथाशीघ्र प्रदेश की ग्रीन हाइड्रोजन नीति जारी की जाए।