पर्सनल ट्रेन से कॉन्सर्ट करने जाती थीं गौहर जान:सोने-चांदी के इतने गहने की कभी दोबारा नहीं पहने

# ## Fashion/ Entertainment

(www.arya-tv.com)गौहर जान। एक ऐसी गायिका जो भारत में पहला गाना रिकॉर्ड कर रिकॉर्डिंग करने वाली पहली सिंगर बनीं। 26 जून 1873 को जन्मीं गौहर जान की आज 140वीं बर्थ एनिव र्सरी है। इनकी फीस इतनी ज्यादा कि हर कोई चुकाने में झिझकता, लेकिन टैलेंट ऐसा कि हर कोई इनके गाने रिकॉर्ड करना चाहता। जब सोने की कीमत 20 रुपए तोला थी, तब ये एक गाना रिकॉर्ड करने के 3 हजार और गाने की प्रस्तुति में नजराने के तौर पर 1000 से ज्यादा की रकम लेती थीं। आम जनता के लिए इनके गाने सुन पाना एक सपना था, इसलिए ग्रामोफोन कंपनी ने इनके गाने रिकॉर्ड कर आम जनता तक पहुंचाए। गाने के लिए बुलाने पर इन्हें पर्सनल ट्रेन तक दी गई। हर रिकॉर्डिंग में ये बिना रिपीट किए सोने-चांदी के कीमती गहने पहनकर पहुंचतीं और लोगों को हैरान कर देतीं। ये उस जमाने की पहली करोड़पति सिंगर थीं।

गायिकी में भले ही इन्होंने इतिहास रचा और म्यूजिक इंडस्ट्री का नक्शा बदला, लेकिन इनका बचपन कोठे में बीता। तवायफ मां के साथ कोलकाता की बदनाम गलियों में पली-बढ़ीं। पर्सनल लाइफ भी उथल-पुथल भरी रही, तीन नाकाम रिश्ते का बोझ और रिश्तेदारों का छल। एक जमाने में करोड़पति रह चुकीं गौहर जान को अपने आखिरी दिनों में पाई-पाई का मोहताज होना पड़ा।

बर्थ एनिवर्सरी पर पढ़िए गौहर जान की कहानी-

हर नामी गायक से ली ट्रेनिंग

गौहर जान का जन्म 26 जून 1873 को आजमगढ़ में हुआ। बर्फ की फैक्ट्री में काम करने वाले आर्मेनियन मूल के पिता विलियम रॉबर्ट और इंडियन मूल की मां विक्टोरिया हेमिंग ने इनका नाम एलीन एंजलीना रखा। महज 6 साल की एलीन के सामने मां-बाप के झगड़े बढ़े और दोनों ने तलाक ले लिया। इसके बाद मां विक्टोरिया ने मुस्लिम खुर्शीद से शादी कर इस्लाम कबूल कर लिया। विक्टोरिया शादी के बाद 1883 में कोलकाता आ गईं, जहां उन्हें बड़ी मलका जान नाम से पहचान मिली। वहीं बेटी एलीन का नाम गौहर जान हो गया। मलका जान और उनकी बेटी गौहर ने गायकी और शास्त्रीय नृत्य की ट्रेनिंग ली। पटियाला के काले खां, अली बक्श, रामपुर के उस्ताद वजीर खान, कोलकाता के प्यारे साहिब और लखनऊ के ग्रेट महाराज बिंदादिन इनके गुरु रहे। 3 साल में ही मलका जान ने 24 चितपोर रोड (रबिंद्र सरणि) में 40 हजार रुपए में एक बिल्डिंग खरीद ली, जहां वो अपनी महफिल सजाया करती थीं। मां के साथ कोठे में रहते हुए गौहर जान का महज 13 साल की उम्र में यौन शोषण हुआ।

गौहर जान नहीं थीं मलका की जायज बेटी?

1911 में बगलू नाम के एक शख्स ने कोर्ट में ये दावा किया था कि गौहर जान मलका जान की जायज संतान नहीं हैं। उस शख्स ने कहा कि वो खुद मलका जान का बेटा है, ऐसे में मलका की मौत के बाद उनकी सारी संपत्ति गौहर को नहीं बल्कि उन्हें मिलनी चाहिए। ट्रायल के दौरान ये सवाल भी उठा कि गौहर के पिता कौन थे। हालांकि सबूतों की कमी के चलते गौहर ने ये केस जीत लिया।

रिश्तेदारों ने लूट ली सारी दौलत

जो रिश्तेदार गौहर को सहारा देकर साथ ले गए, उन्होंने धीरे-धीरे उनकी सारी दौलत लूट ली। आखिरी दिनों में गौहर पाई-पाई को मोहताज हो गईं।

रिश्तेदारों से परेशान होकर गौहर जान रामपुर की सभा में सिंगर बन गईं। यहां भी कुछ दिन रहने के बाद गौहर मुंबई चली गईं। 1 अगस्त 1928 को गौहर मैसूर के राजा कृष्ण राजा वादियर 5 के कहने पर मैसूर कोर्ट की गायिका बनींं। 7 जनवरी 1930 को गौहर ने बीमारी से लड़ते हुए दम तोड़ दिया। हमेशा चाहने वालों की भीड़ से घिरी रहने वालीं गौहर जान ने जब एक बीमारी के दौरान बुखार बढ़ जाने के कारण अस्पताल में दम तोड़ा तो उनकी खबर लेने वाला कोई नहीं था। उन्हें कहां और किसने दफन किया, इस बात की भी जानकारी कहीं नहीं है।