कहते हैं चमकी बुखार लीची खाने से फैला है। लेकिन कई ऐसे मामले आए हैं जहां बिना लीची खाए बच्चे भी चमकी से पीड़ित पाए गए। बहरहाल अब तक 100 से ज्यादा बच्चों की मौत इस बीमारी से हो चुकी हैं। अभी तक न तो चमकी बुखार के लिए कोई वैक्सीन बनी है और न ही लू पर इंसानों का कोई जोर चल सकता है। अब बारिश ही इस बीमारी से लड़ सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक बिहार के अधिकतर इलाकों में 19 जून को बारिश हो सकती है। अगर बारिश होती है तो गर्मी से भी राहत मिलेगी और एईएस यानी चमकी बुखार के मामलों में भी कमी आएगी।
मौत के शतक के बाद जागे नीतीश, अब मृतकों के घर जाएगी टीम
हरकत में आई नीतीश सरकार
सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नतीश कुमार ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। इसके बाद निर्णय लिया गया है कि टीम हर उस घर में जाएगी, जिस घर के बच्चे की मौत हुई है और जानने की कोशिश करेगी कि उसका बैकग्राउंड क्या है, क्योंकि सरकार अब तक यह पता नहीं कर पाई है कि चमकी बुखार की वजह क्या है। नीतीश सरकार पीड़ितों के लिए एंबुलेंस मुहैया कराने के साथ साथ पूरे इलाज का खर्च भी उठाएगी और मृतकों के परिवार को मुआवजे के तौर पर 4 लाख रुपए देगी।
चमकी बुखार के लक्षण
बच्चे को लगातार तेज बुखार होगा।
किसी भी अंग विशेष में ऐठन होना व झटके लगना।
पूरे शरीर में दर्द व सुस्ती लगना।
दोनों जबड़े को दबाए रहना।
कमजोरी के चलते बार बार बेहोश हो जाना।
शरीर के किसी भी अंग को दबाने के बाद भी कोई गतिविध न होना।
चमकी बुखार से बचने के उपाय व सावधानियां
बच्चों को तेज धूप से दूर रखें।
दिन में दो बार बच्चों को स्नान कराएं।
बच्चों को हमेशा साफ सुथरा रखें।
बच्चों के शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए नींबू पानी और चीनी या फिर ओआरएस का घोल समय समय पर देते रहें।
चमकी बुखार का कोई भी लक्षण अगर बच्चे में दिखे तो तुरंत हॉस्पिटल ले जाएं।
मंत्री जी पूछ रहे थे क्रिकेट का स्कोर
चमकी बुखार को लेकर 16 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, हालांकि इस दौरान बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पत्रकारों से भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का स्कोर पूछते दिखाई दिए। आप इस पर क्या कहेंगे।