ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले लोगों को इस तरह लगाया जा रहा चूना

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बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनियां ग्राहकों को डिस्काउंट देती हैं। जब हम किसी दुकान में 40 फीसदी छूट देखते हैं, तो फट से खरीदारी कर लेते हैं। लेकिन यही डिस्काउंट ग्रहकों की कमजोरी बन जाता है और बहुत बार हमें जिन चीजों की जरूरत नहीं भी होती, वो भी खरीद लेते हैं। इस बीच हम धोखाधड़ी के शिकार भी बन जाते हैं। आइए जानते हैं किन तरीकों से धोखाधड़ी हो रही है और आपको सावधानी बरतने की जरूरत है।

भारतीय डिस्काउंट के चक्कर में खाते हैं धोखा
जब बात ऑनलाइन सामान खरीदने की होती है, तो धोखाधड़ी की संभावना और भी अधिक हो जाती है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी मैकएफी की रिपोर्ट के अनुसार, 56.1 फीसदी भारतीय ऑनलाइन खरीदारी के समय में डिसकाउंट से जुड़ी धोखाधड़ी का शिकार बन जाते हैं। बता दें कि 35.4 फीसदी भारतीयों ने ये माना कि वे डिसकाउंट स्कैम के झांसे में आए।

फर्जी चैरिटी के जरिए होती है धोखाधड़ी
मैकएफी के मुताबिक, ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने वालों में 60.7 फीसदी लोग फर्जी चैरिटी का शिकार बनते हैं। दरअसल ऑनलाइन कई ऐसे स्कैमर मौजूद हैं, जो खुद को किसी ट्रस्ट से जुड़ा बताते हैं और उपभोक्ताओं को लोगों की भलाई के लिए काम करने का दावा करते हुए उन्हें चूना लगाते हैं। मैकएफी ने इस तरह की धोखाधड़ी के लिए ‘अ क्रिसमस कैरोलः स्कैम एडीशन’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है।

इस तरह भी हो रही है धोखाधड़ी
बता दें कि इस रिपोर्ट के मुताबिक, ईमेल फिशिंग और टेक्स्ट फिशिंग जैसे पुराने तरीकों के माध्यम से 25 फीसदी भारतीयों को चूना लगाया जा रहा है।

फिशिंग ईमेल पर न करें क्लिक
साइबर अटैक के लिए फिशिंग अटैक सबसे पुराना और आसान तरीका है। फिशिंग अटैक में ई-मेल आईडी को भी हैक किया जाता है। इसके लिए हैकर्स फर्जी और आपके दोस्तों के नाम से मिलते-जुलते ई-मेल भेजते हैं जिसमें वायरस वाले लिंक होते हैं। धोखाधड़ी से बचने के लिए आप किसी फिशिंग ईमेल पर कभी क्लिक न करें और ऑनलाइन भुगतान में हमेशा वन टाइम पासवर्ड (OTP) का विकल्प ही चुनें। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो सकती है।

गिफ्ट कार्ड के जरिए भी हो रही धोखाधड़ी
इतना ही नहीं, गिफ्ट कार्ड के जरिए भी लोग धोखाधड़ी का शिकार बन रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 39.3 फीसदी उपभोक्ता को गिफ्ट कार्ड के जरिए फर्जी वेबसाइट तक ले जाया जाता है। इन वेबसाइट पर उपभोक्ताओं से को उनकी जानकारी डालने के लिए कहा जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक धोखाधड़ी का शिकार हुए 40 फीसदी लोगों ने 10 हजार से 15 हजार रुपये तक गंवाए हैं।