एसबीआई का नया नियम

एसबीआई का नया नियम, चौथी बार कैश जमा करने पर लगेगा 56 रु. चार्ज

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एक अक्तूबर से भारतीय स्टेट बैंक अपने बैंक चार्ज और ट्रांजेक्शन को लेकर के कई नियमों में परिवर्तन कर दिया है। बैंक एक अक्तूबर से अपने सर्विस चार्ज में बदलाव करने वाला है। बैंक के सर्कुलर के अनुसार एक अक्तूबर से आप अक महीने में केवल तीन बार मुफ्त में पैसे जमा करवा सकते हैं। इसके बाद यदि आपने अपने खाते में 100 रुपये भी जमा किए तो आपको 50 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ेगा। पांचवी या उसके बाद यदि आपने एक रुपये भी जमा किए तो आपको 56 रुपये का चार्ज देना होगा।

इसके अलावा यदि चेक किसी कारण से बाउंस हो जाता है तो चेक जारी करने वाले पर 150 रुपये और जीएसटी का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। जीएसटी मिलाकर यह चार्ज 168 रुपये होगा। नए नियमों के मुताबिक जहां एक तरफ बैंक के एटीएम से होने वाले ट्रांजेक्शन की संख्या में इजाफा कर दिया है। वहीं बैंक शाखा में जाकर के एनईएफटी और आरटीजीएस करना महंगा हो जाएगा।

बैंक ने जारी किया सर्कुलर
बैंक ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि देश के छह मेट्रो शहरों मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बंगलूरू और हैदराबाद में बैंक के एटीएम पर लोग हर महीने 10 ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। वहीं अन्य शहरों में मौजूद एसबीआई के एटीएम पर 12 ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति दूसरे बैंक के एटीएम का प्रयोग करता है तो फिर उसको महीने में पांच ट्रांजेक्शन करने की सुविधा मिलेगी।

25 हजार रुपये से ऊपर मिनिमम एवरेज बैलेंस रखने वालों को बैंक एटीएम का प्रयोग असीमित किया जाएगा। वहीं इससे नीचे का एवरेज बैलेंस रखने वालों को पुराने नियम के अनुसार आठ मुफ्त ट्रांजेक्शन ही करने को मिलेंगे। सैलरी खाताधारकों को देश के किसी भी बैंक और एसबीआई का एटीएम प्रयोग करने पर किसी तरह का चार्ज नहीं देना पड़ेगा। यह खाताधारक असीमित ट्रांजेक्शन कर सकेंगे।

बैंक में RTGS-NEFT महंगा
अगर कोई व्यक्ति बैंक शाखा में जाकर के आरटीजीएस या फिर एनईएफटी करता है तो फिर उसको चार्ज देना होगा। हालांकि नेटबैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या फिर योनो एप से किए जाने वाले ऐसे ट्रांजेक्शन पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।

आरटीजीएस (बैंक शाखा पर)
दो लाख से पांच लाख तक: 20 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त)
पांच लाख से ऊपर: 40 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त)
10 हजार रुपये —- दो रुपये
10 हजार से एक लाख रुपये—चार रुपये
एक लाख से दो लाख रुपये—12 रुपये
दो लाख रुपये से ऊपर— 20 रुपये