जी-20 देशों में देश की उपलब्धियां बताएं युवा : राजशरण शाही अध्यक्ष ABVP

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(www.arya-tv.com)लखनऊ। जी 20 देशों की अध्यक्षता मिलने के उपलक्ष्य में AKTU  और ABVP  के संयुक्त तत्वावधान में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लोकतंत्र और सरकार में युवाओं की भूमिका विषयक इस संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि ABVP  के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजशरण शाही ने युवाओं से जी 20 देशों की अध्यक्षता को उत्सव की तरह मनाने का आह्वान किया। पूरी दुनिया के सामने देश की तरक्की को बताने का अवसर है। देश में हुए शोध, अनुसंधान, उद्यमिता, नवाचार, शिक्षा में हुए परिवर्तन आदि को बताने के लिए लेख लिखिये। सोशल मीडिया के जरिये अपनी उपलब्धियों को सामने लाइये। जिससे कि देश को इस अवसर का लाभ मिल सके। अब हमारा और आपका दायित्व है कि जी 20 से देश के 36 प्रदेश को कैसे जोड़ा जाए। जिससे कि पूरे देश को इसका फायदा मिल सके। कहा कि भारत का युवा देश की आंतरिक शक्ति को पहचानता है। ज्ञान के प्रति भारत के आग्रह की परंपरा ही विशिष्ट बनाती है। भारत की ज्ञान परंपरा बहुत समृद्ध रही है। इसमें युवाओं को महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे यहां छात्रशक्ति राष्ट्रशक्ति है। भारत का युवा जब आगे बढ़ता है तो विश्व कल्याण करता है। यही छात्रशक्ति अब विश्वपटल पर अपनी चमक बिखेर रही है। कहा कि आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आपको अपनी सफलताओं से देश सेवा करने का अवसर मिला है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और सामाजिक उद्यमी और युवाओं के रोलमॉडल शरद विवेक सागर ने युवाओं में जोश भरा। उन्होंने भारतीय होने के गौरव को बताया। कहा कि दूसरे देश का युवा कुछ नया करता है तो उसके पीछे कहीं न कहीं उसका स्वार्थ होता है। मगर भारत का युवा विश्वकल्याण और राष्ट्र के लिए कार्य करता है। यहां के छात्र जीवन पर प्रकाश डालत हुए कहा कि यहां का छात्र अपनी शिक्षा और निजी यात्रा को देश के विकास के साथ जोड़ता है। विश्व बन्धुत्व उसके कर्म में निहित होता है। भारत भौगौलिक विस्तार का देश नहीं है, बल्कि वैचारिकी विस्तार इसकी परंपरा रही है। उन्होंने नेतृत्व क्षमता पर अपना अनुभव साझा किया। कहा नेतृत्व का अर्थ सिर्फ राजनीति से नहीं है। कोई किसी भी जगह अपना नेतृत्व कर सकता है। समाज में तमाम समस्याएं हैं। युवा उन समस्याओं को हल करने में अगुवा बन सकता है। इसके लिए उन्होंने कई उदाहरण भी दिये। कहा कि दूसरे देश भले ही तकनीकी और सुविधाओं में बेहतर हों। लेकिन भारत के युवा विश्व को मानवता की राह दिखा सकते हैं। देश को जी 20 देशों की अध्यक्षता मिलना एक बड़ी उपलब्धी है। इस अवसर का युवाओं को लाभ उठाना चाहिए। उन्हें अपनी और देश की उपलब्धियों को विश्व पटल पर रखना चाहिए। जिससे कि पूरी दुनिया भारत की प्रतिभा और तरक्की से वाकिफ हो सके।

बतौर विशिष्ट अतिथि बोलते हुए एमएलसी अवनीश कुमार सिंह ने युवाओं से नवाचार और स्टार्टअप को जी 20 देशों के समक्ष रखने की अपील की। कहा कि तकनीकी के छात्र इस मौके का लाभ उठाते हुए जो भी कार्य किये हैं उन्हें दुनिया को बता सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश नई उचाईयों को छू रहा है।

एबीवीपी के प्रांत संगठन मंत्री घनश्याम शाही ने कहा कि विश्व पटल पर उभरता भारत युवाओं की ओर आशा से देख रहा है। युवाओं की यह जिम्मेदारी है कि वह देश के इस आकांक्षा के वाहक बनें। कहा कि युवाशक्ति सही दिशा में चले तो वह सृजन और परिवर्तन लाती है। इसलिए युवा आगे बढ़कर देश और समाज के प्रगति के भागीदार बनें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने युवाओं को उनकी शक्ति पहचाने का मंत्र दिया। कहा कि यहां अवसरों की कमी नहीं है। जरूरी ये है कि युवा उन अवसरों को पहचान कर अपना व्यक्तित्व निखारें। कहा कि एक छात्र के लिए जरूरी है कि वह समाज की परेशानियों को दूर करने में भागदारी निभाये। अपनी शिक्षा के जरिये वह कई समस्याओं का समाधान कर नई राह दिखा सकता है। कहा कि अब वह जमाना नहीं है जब सिर्फ नौकरी के बारे में सोचा जाता था। वक्त नवाचार और कुछ अलग करने का है। छात्रों में जोश भरते हुए कहा कि युवा यदि ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि सही दिशा में बढ़ते हुए देश और समाज के हित का कार्य करिये।

 प्रति कुलपति प्रो0 मनीष गौड़ ने कहा कि जी 20 देशों की अध्यक्षता भारत को मिलना अपने आप में बड़ी बात है। युवा इस अवसर का लाभ उठायें। धन्यवाद कुलसचिव सचिन सिंह ने दिया। जबकि संचालन वंदना शर्मा ने किया। इसके पहले कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

कार्यक्रम में उप कुलसचिव डॉ0 आरके सिंह, डॉ. अनुज शर्मा, महीप सिंह, रितेश सक्सेना सहित सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज, आइईटी, फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्टर और विभिन्न संस्थानों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।