राजधानी में बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए 15 नवंबर से नई वर्टिकल व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत अब शहर के 154 उपकेंद्रों का संचालन 21 हेल्प डेस्क के माध्यम से किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार उपभोक्ताओं की समस्याओं के जल्द समाधान के लिए शहर को 4 जोनों में बांटा गया है। इन जोन में हेल्पडेस्क सिस्टम के जरिए बिजली आपूर्ति, बिलिंग और तकनीकी शिकायतों की निगरानी और निपटारा किया जाएगा। वहीं इस नई व्यवस्था से करीब 14.5 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं बिजली संगठनों ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि जब 154 उपकेंद्रों पर समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है तो 21 हेल्पडेस्क से कैसे 14.5 लाख उपभोक्ताओं की समस्या दूर होगी।
राजधानी के चारो जोन अमौसी, मध्यजोन, जानकीपुरम और गोमतीनगर में 15 नवंबर से उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए वर्टिकल व्यवस्था को लागू होने जा रही है। उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज कराने और उसके समाधान की बेहतर व्यवस्था का लेसा प्रशासन दावा कर रहा है। इसके लिए 21 हेल्पडेस्कों और 1912 हेल्पलाइन नंबर के जरिए उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
कई संगठनों ने इस व्यवस्था पर उठाए सवाल
कर्मचारी संगठन लेसा प्रशासन के दावों पर नाराज है। उसका सीधा मानना है कि 21 हेल्प डेस्क से समस्या का निस्तारण नहीं हो सकेगा। इसे लेकर निविदा संविदा कर्मचारी संघ, उपभोक्ता परिषद, विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन सहित कई संगठनों ने सवाल उठाए है। संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि शहर मे वर्तमान में 150 से अधिक बिजली उपकेंद्र है। इन उपकेंद्रो के सहारे शहर के करीब 14.5 लाख उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाता है। ऐसे में 21 हेल्प डेस्क के जरिए उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान समय से हो पायेगा, यह सवाल खड़ा करता है।
