सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) को प्रधानमंत्री बना दिया है। मंगलवार को जारी शाही फरमान में किंग ने छोटे बेटे प्रिंस खालिद बिन सलमान को रक्षा मंत्री बनाया है।
दो और अहम अपॉइंटमेंट भी हुए हैं। प्रिंस तुर्की बिन मोहम्मद बिन फहद बिन अब्दुल अजीज को राज्य मंत्री और प्रिंस अब्दुलअजीज बिन तुर्की बिन फैसल को खेल मंत्री बनाया गया है। MBS वैसे तो डिफेंस मिनिस्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, लेकिन सच यह है कि किंग सलमान की खराब सेहत के चलते वो कई साल से सऊदी के अघोषित शासक हैं।
इन पदों पर कोई बदलाव नहीं
विदेश मंत्री की जिम्मेदारी पहले की तरह प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद, वित्त मंत्री का दायित्व मोहम्मद अल-जादान और निवेश मंत्री की जिम्मेदारी खालिद अल-फलीह निभाते रहेंगे।
किंग सलमान करते रहेंगे कैबिनेट की बैठकों की अध्यक्षता
घोषणा के बाद MBS ने एक बयान में कहा- सऊदी अरब ने डिफेंस इंडस्ट्री में आत्मनिर्भरता 2% से बढ़ाकर 15% कर दी है। नए डिफेंस मिनिस्टर इसे 50% तक ले जाने की कोशिश करेंगे।
86 साल के किंग सलमान 2015 में शासक बने, लेकिन इसके पहले करीब ढाई साल तक उन्हें प्रिंस सलमान की तरह ही क्राउन प्रिंस के तौर पर काम किया था। बहरहाल, कैबिनेट की बैठकों की अध्यक्षता अब भी किंग सलमान ही करेंगे।
MBS के सत्ता में आने के बाद आए कई बदलाव
MBS ने अप्रैल 2016 में विजन 2030 की शुरुआत की थी। इसका मकसद सऊदी को अरब और इस्लामी देशों की सबसे बड़ी ताकत बनाना है। इसके तहत उन्होंने कई अहम फैसले किए। इनमें भी सबसे अहम इकोनॉमी है। दरअसल, विजन 2030 का पहला मकसद ही यह था कि सऊदी को ऑयल डिपेंडेंट इकोनॉमी से अलग किया जाए और टूरिज्म हब के तौर पर विकसित किया जाए।
इसके लिए नियोम सिटी जैसे कई प्रोजेक्ट शुरू किए गए। कट्टरपंथी ताकतों पर सख्ती से लगाम कसी गई। महिलाओं को ड्राइविंग की मंजूरी समेत कई नई फैसेलिटीज दी गईं। अब उन्हें वोटिंग राइट्स भी दिए गए हैं। मौलवियों की दखलंदाजी और फतवों पर सख्ती से रोक लगाई जा चुकी है।