इस युग की सबसे महत्वपूर्ण घटना राम मंदिर स्थापना क्यों? परमाणु वैज्ञानिक का विश्लेषण

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लखनऊ शहर में जन्में, लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएससी, एचबीटीआई कानपुर से बीटेक और एमटेक करने के पश्चात विश्व की अग्रणी परमाणु संस्था भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई में अपनी 35 वर्षों की सेवा देने के पश्चात सेवानिवृत्त होकर अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य प्राचीन भारतीय गौरव को ज्ञान और विज्ञान को आधुनिक विज्ञान के द्वारा पूरे विश्व में पहुंचाने का संकल्प लिए हुए नवी मुंबई निवासी प्रसिद्ध कवि लेखक और वैज्ञानिक विपुल सेन उर्फ विपुल लखनवी आजकल सनातनपुत्र देवीदास विपुल के नाम से चर्चित हैं। जिनके द्वारा निर्मित ग्रामीण आदिवासी रिसर्च एंड वैदिक इन्नोवेशन ट्रस्ट यानी गर्वित द्वारा नई-नई योजनाएं चलाई जाती है।

विपुल लखनवी द्वारा राम मंदिर को इस युग की सबसे बड़ी घटना बताने पर पत्रकार डा. अजय शुक्ला ने एक बेबाक साक्षात्कार लिया। प्रस्तुत है उस साक्षात्कार के कुछ प्रश्न!

डॉ.अजय शुक्ला : आप एक परमाणु वैज्ञानिक होते हुए आधुनिकता और आधुनिक विज्ञान से जुड़े हुए व्यक्ति हैं किंतु आप राम मंदिर की स्थापना को इस युग का सबसे महत्वपूर्ण क्यों मानते हैं?

विपुल जी : देखिए विज्ञान की पढ़ाई करने के कारण अथवा एक पोस्ट ग्रैजुएट इंजीनियर होने के कारण या फिर परमाणु वैज्ञानिक होने के कारण हम अपनी संस्कृति को अपनी विरासत को जिसने की पूरे विश्व को ज्ञान विज्ञान के नए-नए आयाम प्रदान किए हैं उसको भूल जाएं। यह समझ में नहीं आता।

राम एक मर्यादा पुरुषोत्तम है और उनके मंदिर की स्थापना अर्थात इस घोर पापी कलयुग में जगत में मर्यादा और सामाजिक कर्तव्य एवं निष्ठा की स्थापना यह सिद्ध करती है कि बदलाव आ रहा है आज पूरा विश्व राम मंदिर में राम लला की स्थापना को लेकर भारत की ओर देख रहा है और पूरी दुनिया के हिंदू एक अलग तरीके से विश्व में देखे जा रहे हैं और लोगों की निगाहों में उनका सम्मान बढ़ चुका है।

आप यदि आंकलन करेंगे तो अवश्य देखेंगे कि: भारत में हिंदुओं के नये आत्मविश्वास और एकता से पूरा यूरोप और अमेरिका दबाव महसूस कर रहा है। गरीब भारतीयों को मुसलमान या ईसाई बनाने की साजिश का हिंदू एकता से पर्दाफाश। हिंदू एकजुटता के कारण “लव जिहाद” अब 50% तक कम हो गया है और कई राज्यों में यह गैरकानूनी भी है। हिन्दुओं की एकता के कारण कई स्थानों पर जिहाद का कारोबार चौपट हो गया। हिन्दू एकता के कारण ही सनातन के विरुद्ध बोलने वाले 70% लोगों का मुंह बंद हो गया है, इसके विपरीत कई विदेशी भी इसे स्वीकार करने लगे हैं। हिंदू एकता ने व्हाट्सएप और फेसबुक पर हमारे त्योहारों और संस्कृति के बारे में चुटकुले 80% कम कर दिए हैं। हिन्दू जनमानस की एकता के कारण सम्पूर्ण राजनीतिक दल जो पहले तुष्टीकरण करते थे अब हिन्दू दिखने का प्रयास कर रहे हैं। हिंदू एकता ने बॉलीवुड पर डाला दबाव। हिंदू विरोधी पिक्चरें बनना बंद हो गई जो इक्का-दुक्का बनती है वह फ्लॉप हो रही हैं। हिंदू अब पहले जैसे शांत नहीं रहे, उनके अंदर आत्मविश्वास जाग चुका है यहां तक कि वे विदेशों में लंदन जैसी जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, पाकिस्तानी दुकानों और रेस्तरां का बहिष्कार कर रहे हैं। जो भारत को और मजबूती प्रदान करेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंदुओं की हीनता कम हो गयी है। नया आत्मविश्वास मिला है। हम अपने आप को, अपनी संस्कृति को, अपने महान इतिहास को कम आंक रहे थे, यह बंद हो गया। विश्व के लोग हमारी महान संस्कृति से आकर्षित हैं।

हिंदू धर्म के प्रति जागरूकता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। यहां तक कि “छद्म-धर्मनिरपेक्षता” का समर्थन करने वाले हिंदू भी अपनी स्थिति के बारे में सोचने लगे हैं। जो लोग संवाद करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं, जरूरी नहीं कि वे निष्क्रिय हों; कुछ शिक्षा के क्षेत्र में हैं, कुछ नौकरीपेशा हैं, कुछ व्यवसाय में हैं या स्व-रोज़गार या उद्यमी हैं। लेकिन हर कोई हिंदुओं को संगठित करने और उनमें जागरूकता पैदा करने के लिए “धर्म कार्य” के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है। यह प्रयास तो मैं भी कर रहा हूं क्योंकि जितना अधिक सनातन मजबूत होगा उतना अधिक हमारा देश भारत राष्ट्र पूरी दुनिया में सीना तानकर खड़ा हो सकेगा।

डॉ अजय शुक्ला: तो आप फिर समाज से क्या कहना चाहेंगे?

विपुल जी: हिंदू संगठन एक ठोस शक्ति है। इसलिए महान संदेश को जोड़ते और फैलाते रहें, क्षमा करके, भूलकर, दूर होकर और जातिगत मतभेदों को मिटाकर एक-दूसरे की मदद करें। हमारा एकमात्र लक्ष्य यह है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र था, एक हिंदू राष्ट्र है और एक हिंदू राष्ट्र रहेगा। अब इसको कानून के द्वारा भी हिंदू राष्ट्र घोषित करवाना है। भारत एक बार फिर एक महान राष्ट्र और महाशक्ति बने इसके लिए हिंदू भाइयों की एकता बहुत जरूरी है।’

डॉ.अजय शुक्ला : कुल मिलाकर आप यह कहना चाहते हैं कि भारत एक हिंदू राष्ट्र बने इससे और धर्म का और पंथों का क्या कल्याण होगा?

विपुल जी: देखिए भारत तभी तक सुरक्षित है। जब तक यह सनातन हिंदू की बहुतायत है। जितनी जातियां उपजातियां भारत में पाई जाती है उतनी विश्व के किसी देश में नहीं पाई जाती है यहां तक की मुस्लिम के सारे फिरके भारत में ही पाए जाते हैं किसी मुस्लिम देश में भी नहीं पाए जाते हैं। दुनिया के किसी देश में पारसी यहूदी और मुस्लिम के तमाम फिर के जितना सुरक्षित भारत में रहते हैं उतना किसी देश में नहीं हैं। इसका कारण सिर्फ यही है कि भारत सनातन के मानने वालों का देश है।

डॉ.अजय शुक्ला : आप कैसे कह सकते हैं की सनातन ही सर्वश्रेष्ठ है।

विपुल जी: मुस्लिम की पवित्र पुस्तक कुरान कहती है सिर्फ इस किताब के दायरे में दुनिया देखो और इस किताब के बाहर कोई व्यक्ति देख रहा है तो उसको मार दो। कयामत के दिन अल्लाह तुमको जन्नत फारमा सकता है जहां तुमको नूर हूर खजूर मिलेगा। जमजम का मीठा पानी मिलेगा। बस। बाइबल कहती है कि प्रभु यीशु तुमको स्वर्ग दे सकते हैं क्योंकि वह देवदूत है और वह तुमको ईश्वर से भी मिला सकते हैं। लेकिन जीसस क्राइस्ट की दया की भावना के विरुद्ध कुछ टेस्टमेंट में यह लिखा हुआ है की जो तुमको न माने उसको मार दो अथवा यीशु को मानने के लिए किसी भी प्रकार बाध्य करो और पुर्तगालियों द्वारा गोवा में किए गए अमानवीय अत्याचार इसका उदाहरण हैं।

वहीं सनातन, जिसका अर्थ हिंदू जैन बौद्ध और सिख हैं, कहता है की ईश्वर तो एक है उस तक पहुंचने के मार्ग अलग-अलग हो सकते हैं सबकी अलग-अलग पद्धतियां हो सकती हैं। तुम सभी प्राणियों में ईश्वर को देखो और ईश्वर में सभी प्राणियों को देखो यह तो भगवान श्री कृष्ण कहते हैं। सभी में प्रेम की भावना रखो दया की भावना रखो सभी धर्म का आदर करो यह केवल और केवल सनातन ही सिखाता है। अब आप यह बताइए विश्व शांति कौन दे सकता है?

डॉ.अजय शुक्ला : लेकिन सनातन में भी तो आपसी मतभेद रहते हैं और आपस में लोग लड़ते रहते हैं विवाद करते रहते हैं। इस पर आप क्या कहेंगे?

विपुल जी: हमको अंग्रेजों ने मुगलों ने और स्वतंत्रता के बाद की सरकारों ने हर प्रकार से सनातन से दूर करने का उसके शिक्षाओं को नष्ट करने का उसके बदले हीन भावना भरने का काम किया है। उसका नतीजा है कि लोग लड़ते रहते हैं। मनु ने यह बिल्कुल नहीं कहा की जन्म से कोई ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र होता है उन्होंने तो यह कहा जन्म जायते शूद्र:। जन्म से सभी शूद्र होते हैं वह उनके कर्म होते हैं जो उनको ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य बनाते हैं। राजनीतिक फायदे के लिए भारत के संविधान में विवादास्पद मनु स्मृति को आधार बनाकर संविधान की स्थापना और रचना एक बड़ा षड्यंत्र था। जिसके कारण आपस में हिंदू बंट गए थे किंतु अब इन दुष्टों का दुष्चक्र समझ में आ रहा है इस कारण हिंदू फिर एक हो रहे हैं। स्त्रियों का सनातन में जितना अधिक सम्मान है उतना किसी भी अन्य धर्म संप्रदाय या पंथ में नहीं है किंतु दुष्प्रचार के कारण हिंदुओं को पिछड़ा बनने का षड्यंत्र किया जाता रहा है।

डॉ.अजय शुक्ला : व्यक्तिगत तौर पर आपका राम मंदिर के निर्माण में क्या योगदान है?

विपुल जी: राम की शिक्षाओं को सनातन के मूल्यों को अपने ट्रस्ट के माध्यम से किसी गिलहरी के योगदान की भांति समाज में प्रचारित करने का प्रयास कर रहा हूं। जब मैं 2020 में रिटायर हुआ तो मैंने राम मंदिर के निर्माण में अपने पेंशन फंड से एक अच्छी खासी धनराशि प्रभु श्री राम के चरणों में अर्पित की थी। इसके अतिरिक्त यति नरसिंहानंद सरस्वती को हिंदू जागरण के कारण भी अच्छा खासा योगदान दिया था। बाद में ट्रस्ट बन गया तो अब ट्रस्ट के माध्यम से समाज के हर क्षेत्र में वह योगदान देने का प्रयास कर रहा हूं जिससे कि दुनिया में हिंदुत्व की ऊंचाई और सनातन की गहराई प्रकाश में आ सके। आधुनिक विज्ञान के माध्यम से सनातन के ज्ञान को अपने वेब चैनल, ब्लॉग, अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार, लेख इत्यादि एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से जनमानस तक पहुंचा रहा हूं।

मैं आपके पाठकों से अनुरोध करूंगा आपको सनातन के विषय में कोई भी जिज्ञासा हो कोई भी प्रश्न हो जिसका उत्तर कहीं ना मिल रहा हो अथवा राम और कृष्ण के कार्यों पर कोई संदेह हो अपने संकोच मुझे मेरे मोबाइल नंबर 99696 80093 पर नि:संकोच संदेश भेज कर उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।

डॉ.अजय शुक्ला : बहुत-बहुत आभार मेरे साक्षात्कार के समय निकालने के लिए मैं आपके साथ हर तरीके से जुड़ा रहूंगा यह मैं आपको आश्वासन देता हूं। धन्यवाद

विपुल जी: धन्यवाद आपको भी जो आपने समय निकाला।