मुंबई में जल संकट होगा दूर, 24 घंटे होगी पानी की सप्लाई, बीएमसी का नया प्लान जानिए

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(www.arya-tv.com) पानी की सप्लाई करने वाली पाइपलाइन फटने की लगातार बढ़ती घटनाओं के कारण मुंबई में पानी सप्लाई में समस्या गंभीर होती जा रही है। बीएमसी ने मुंबई में पानी आपूर्ति व्यवस्था बेहतर करने के लिए पिसे-पंजरापोल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से मुलुंड तक 21 किमी लंबी अंडरग्राउंड वॉटर टनल बनाने का निर्णय लिया है।

फिलहाल इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट का सर्वे चल रहा है और इस काम की लागत करीब 4500 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। बीसीएम जलापूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इससे पूर्व उपनगर में पानी आपूर्ति में सुधार होगा। खासकर पहाड़ी और ऊंचाई वाले इलाकों में, जहां काफी कम फोर्स से पानी आपूर्ति होती है।

बता दें कि मुंबई में मोडक सागर, अपर वैतरणा, तानसा, मध्य वैतरणा, भातसा, विहार और तुलसी झील से प्रतिदिन 3850 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती है। मुंबई को पानी की आपूर्ति करने के लिए पाइपलाइनों का लगभग 380 किलोमीटर का एक बहुत बड़ा नेटवर्क है।

यहां 90 किलोमीटर की अंडरग्राउंड वॉटर पाइपलाइन भी शामिल है। लेकिन पानी की पाइपलाइन प्रतिदिन कहीं न कहीं लीकेज हो जाती है और बड़े पैमाने पर पानी चोरी भी होता है। इससे करीब 800 से 900 एमएलडी पानी मुंबईकरों तक नहीं पहुंच पाता है।

पाइपलाइनों की सुरक्षा और लीकेज की समस्या से निपटने के लिए बीएमसी ने पिसे-पंजरापोल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से मुलुंड तक 21 किमी लंबी वॉटर टनल बनाने का निर्णय लिया है।

इससे मुंबई शहर और उपनगरों को पानी की आपूर्ति बेहतर होगी। इसके लिए सर्वे चल रहा है। इसकी जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर बीएमसी प्रशासन को सौंपी जाएगी। यह वॉटर टनल जमीन से 100 मीटर नीचे होगी।

टनल तैयार होते ही पानी की सप्लाई होगी शुरू

वर्तमान में पिसे-पंजरापोल से मुलुंड तक सड़क के किनारे एक समानांतर पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचाया जाता है। इस पाइपलाइन से छोटी लाइन कनेक्ट कर पानी की आपूर्ति मुंबई शहर और पूर्वी उपनगरों को की जाती है।

टनल तैयार होते ही उससे पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद समानांतर चैनल से जलापूर्ति बंद कर दी जायेगी, यदि वॉटर टनल को कोई खतरा होगा तो समानांतर पाइपलाइन से जलापूर्ति बहाल की जाएगी।