विक्टोरिया क्रास विजेता गोनविल ब्रोमहेड प्रयागराज में ली थी अंतिम सांस, यहीं है इनकी कब्र

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(www.arya-tv.com) इतिहासकारों के अलावा शायद कम ही लोगों को पता होगा कि ब्रिटिश शासन में वीरता के सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रास के विजेता मेजर गोनविल ब्रोमहेड ने प्रयागराज में अंतिम सांस ली थी। यहां उनकी कब्र है। हालांकि के न्यू कैंट क्षेत्र में मेजर गोनविल ब्रोमहेड की कब्र झाडिय़ों से ओझिल हो चुकी है। 29 अगस्त को उनकी जन्मतिथि है, लेकिन शायद ही कोई वहां जाएगा। एंग्लो जुलू वार को जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले इस योद्धा पर 1964 में जुलू फिल्म अंग्रेजी में बनी है। उस फिल्म को दर्शकों ने सराहा था।

फ्रांस में जन्मे और प्रयागराज में थमी सांस
फ्रांस के वर्साय शहर में 29 अगस्त 1845 को जन्मे मेजर गोनविल ब्रोमहेड ब्रिटिश आर्मी के बहादुर अफसर थे। दक्षिण अफ्रीका के देश जुलू और बर्मा के युद्ध में ब्रिटिश शासन को जीत दिलाने के बाद प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में नौ फरवरी 1891 को टायफाइड से निधन हो गया था। 45 साल की उम्र में उन्होंने यूरोप से लेकर एशिया और अफ्रीका तक कई देशों में ब्रिटिश सेना का झंडा बुलंद किया था। लेकिन 19वीं सदी की महामारी टायफाइड का शिकार हुए तो प्रयागराज में दम तोड़ दिया था। न्यू कैंट स्थित कामनवेल्थ वार ग्रेव में आज भी उनकी कब्र है। यह कब्र देखरेख के अभाव में झाडिय़ों से घिरी है। सैन्य परिवार में जन्म ब्रोमहेड ने 20 अप्रैल 1867 को ब्रिटिश सेना ज्वाइन की थी।

उनकी बहादुरी को देखते हुए लड़ाई के लिए उन्हें दक्षिण अफ्रीका के देश जुलू भेजा गया। 1879 में हुए इस युद्ध में ब्रोमहेड ने 139 जवान लेकर जुलू के 4000 सैनिकों का सामना दिया। कई दिन तक चले इस युद्ध में ब्रोमहेड ने जुलू सैनिकों को खदेड़ दिया था। वह युद्ध इतिहास बन गया। उसमें ब्रोमहेड ने बहादुरी का परिचय दिया। इस विजय के लिए उन्हें ब्रिटिश सेना का सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रास से सम्मानित किया। तब ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया ने उन्हें डिनर पर बुलाया लेकिन वह जा नहीं सके। उसके बाद महारानी ने उनके पास अपना फोटो भेजा था। जुलू का युद्ध जीतने के बाद उन्हें वर्मा भेजा गया था। वहां भी जीत हासिल करके बाद वह भारत लौटे और प्रयागराज में आकर टायफाइड के शिकार हो गए। यहीं पर उनकी कब्र बनाई गई है।

फिल्म में कब्र का सीन
एंग्लो जुलू युद्ध में मेजर गोनविल ब्रोमहेड की भूमिका 1964 में बनी जुलू फिल्म में माइकल केन ने निभाई है। उस फिल्म की शूटिंग के दौरान यहां पर वह टीम यहां आई थी। उस फिल्म में यहां के सीन हैं। कामनवेल्थ ग्रेव परिसर में बनी ब्रोमहेड की कब्र सबसे अलग और ऊंची बनाई है। लेकिन पिछले कई सालों से इनकी देखरेख के लिए कोई बजट नहीं आया है इसलिए देखरेख भी नहीं हो पा रही है।