ITBP ने टाला बड़ा खतरा:चमोली में आर्टिफिशियल झील के मुंहाने से हटाए गए टूटे पेड़

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(www.arya-tv.com)उत्तराखंड आपदा का आज 19वां दिन है। ITBP, NDRF, SDRF की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। इस बीच, ITBP के जवानों ने चमोली के ऊपर मंडरा रहे एक बड़े खतरे को टाल दिया है। यहां ऋषिगंगा नदी के ऊपर ग्लेशियर टूटने से एक आर्टिफिशियल झील बन गया है। झील का मुंह छोटा और मुंहाने पर कई पेड़ भी टूटकर गिरे थे। इससे पानी का बहाव रुक गया था। इससे झील के कभी भी टूटने का डर था। ITBP ने इसे साफ कर दिया है। इसके अलावा झील के मुंह को करीब 15 फीट चौड़ा भी कर दिया है, जिससे फिर से पानी का बहाव शुरू हो गया।
झील में करीब 4.80 करोड़ लीटर पानी है
ऋषि गंगा के ऊपर ग्लेशियर टूटने से बनी आर्टिफिशियल झील का इंडियन नेवी, एयरफोर्स और एक्सपर्ट की टीम ने मुआयना भी किया। डाइवर्स ने झील की गहराई मापी है। इस झील में करीब 4.80 करोड़ लीटर पानी होने का अनुमान है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, ये झील करीब 750 मीटर लंबी है और आगे बढ़कर संकरी हो गई है। इसकी गहराई आठ मीटर है। नेवी के डाइवर्स ने हाथ में इको साउंडर लेकर इस झील की गहराई मापी। अगर ये झील टूटती है तो काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक ये झील केदारनाथ के चौराबाड़ी जैसी है। 2013 में केदारनाथ के ऊपरी हिस्से में 250 मीटर लंबी, 150 मीटर चौड़ी और करीब 20 मीटर गहरी झील के टूटने से आपदा आ गई थी। इस झील से प्रति सेकंड करीब 17 हजार लीटर पानी निकला था।

तपोवन टनल की खुदाई पूरी हुई
उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि तपोवन टनल की लगभग पूरी हो चुकी है। अब तक टनल के अंदर 180 मीटर तक मलबा साफ किया जा चुका है। अंदर से पानी को भी निकाला जा चुका है। उत्तराखंड के DGP ने बताया कि अब तक तपोवन के पास से 71 लोगों के शव बरामद हुए हैं और 30 मानव अंग मिले हैं। कुल 206 लोगों के लापता होने की FIR दर्ज की गई थी। तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं मिल रहे 136 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।