रूस-चीन पर नजर रखेगी अमेरिका की स्पाई सैटेलाइट

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(www.arya-tv.com)  अमेरिका जल्द ही कई स्पाई सैटेलाइट्स लॉन्च करने वाला है। वो इसके जरिए चीन और रूस की उन सैटेलाइट्स और स्पेस व्हीकल्स की निगरानी करेगा, जो ऑर्बिट में चक्कर लगा रही दूसरे ऑब्जेक्ट्स को नष्ट कर सकते हैं। यह सैटेलाइट धरती से करीब 35,400 किमी ऊपर स्थापित की जाएगी। इस नेटवर्क को साइलेंट बार्कर नाम दिया गया है।

साइलेंट बार्कर जमीन पर स्थित सेंसर और लो ऑर्बिट सैटेलाइट को जोड़ने वाला अपनी तरह का पहला नेटवर्क होगा। इससे अमेरिका को ये जानने में मदद मिलेगी की अंतरिक्ष में क्या चल रहा है। दरअसल, हाल ही में रूस-चीन ने एक ऐसा सिस्टम बनाया है जो स्पेस में लॉन्च होने के साथ ही दूसरी सैटेलाइट्स को वहां से निकालने या उसे नष्ट करने में सक्षम हो। इसी के बाद अमेरिका ने स्पाई सैटेलाइट्स लॉन्च करने का फैसला लिया है।

दूसरी सैटेलाइट्स को ट्रैक करेगा साइलेंट बार्कर
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सैटेलाइट को बनाने वाले स्पेस फोर्स ने कहा- ये सैटेलाइट अमेरिका के सबसे जरूरी सिस्टम्स की तरफ बढ़ रहे खतरों से जुड़ी चेतावनी देने में सक्षम होगी। इसके अलावा ये समय से खतरे का पता लगाने के लिए लगातार स्पेस में मौजूद चीजों और दूसरी सैटेलाइट्स का खोजकर उन्हें ट्रैक करती रहेगी। साइलेंट बार्कर सैटेलाइट्स को जुलाई में लान्च किया जाएगा। लॉन्च की तारीख सोशल मीडिया पर 30 दिन पहले घोषित की जाएगी।

इस साल की एनुअल थ्रेट रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक ने कहा था कि चीन के पास हथियार हैं, जो अमेरिका के साथ दूसरे देशों की भी सैटेलाइट को निशाना बना सकते हैं। चीन की आर्मी PLA ने सैन्य अभियान के तहत इन हथियारों को डेवलप किया है।

चीन की सैटेलाइट्स दूसरे उपग्रहों को खराब करने में सक्षम
2022 में डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में लॉन्च हुई चीन की SJ-21 सैटेलाइट ने एक काम नहीं कर रही सैटेलाइट को हजारों मील दूर से एक उच्च कक्षा में खींच लिया गया था। इसी तरह शिजियान-17 सैटेलाइट में एक रोबोटिक हाथ लगा है, जिसका उपयोग दूसरे सैटेलाइट को पकड़कर नष्ट करने के लिए किया जा सकता है। अमेरिका का साइलेंट बार्कर SJ-21 जैसे सैटेलाइट को ट्रैक कर पाएगा। इसमें एक मल्टिपल स्पेस व्हीकल शामिल होगा।

कुछ दिन पहले ही अमेरिका के एक सीनियर मिलिट्री ऑफिसर ने कहा था कि अमेरिका स्पेस में जंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने रूस के लगातार आक्रामक रवैये और चीन की अंतरिक्ष में ताकत बनने की महत्वाकांक्षा को इसकी वजह बताया था। अमेरिका के स्पेस कमांड और मिलिट्री के स्पेस ऑपरेशन्स के लिए जिम्मेदार विभाग के ब्रिगेडियर जनरल जेसी मोरहाउस ने कहा कि अगर अगर कोई भी देश अमेरिका या उसके सहयोगियों को धमकाता है तो US उसी रात अंतरिक्ष में युद्ध लड़ने के लिए तैयार है।

चीन की सेना के पास 347 सैटेलाइट्स मौजूद
इसके अलावा चीन लगातार अंतरिक्ष में अपनी ताकत बढ़ाने में लगा हुआ है। दरअसल, अंतरिक्ष में मौजूद कई देशों की सैटेलाइट में से फिलहाल चीन के पास करीब 700 सैटेलाइट मौजूद हैं। इसमें से 347 चीनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की है जो कि खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में इस देश की मदद करते हैं।

मार्च में अमेरिका के स्पेस फोर्स के चीफ बी चांस सॉल्ट्जमैन ने दावा किया था कि चीन ऐसी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक जैमर, लेजर और टेक्नोलॉजी विकसित कर रहा है जो की उनके सैटेलाइट्स को मार सकता है।