IAS-IPS बनकर मां को सोने की गद्दी पर बैठाने का था सपना, अचानक हो गया ऐसा, दहल गया कलेजा

# ## National

(www.arya-tv.com) हजारों युवा आईएएस, आईपीएस बनने का ख्‍वाब लेकर दिल्‍ली के मुखर्जीनगर पहुंचते हैं. इन्‍हीं में से एक स्‍टूडेंट दीपक मीणा भी थे. दीपक मीणा दस दिन से लापता थे, जिसके बाद उनका शव झाड़ियों में एक पेड़ से लटका मिला. भावी अधिकारी की मौत ने उन तमाम स्टूडेंट्स को झकझोर दिया है, जिनकी आंखों में आईएएस-आईपीएस बनने के ख्‍वाब पल रहे हैं. दीपक मीणा विकास दिव्‍यकीर्ति (Vikas Divyakirti) के कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएएस (Drishti IAS) कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ते थे. वह यूपीएससी प्री (UPSC Prelims) परीक्षा पास कर चुके थे. वह यहां यूपीएससी मेंस की तैयारी कर रहे थे. इस संबंध में कोचिंग संस्‍थान की ओर से भी 9 बिन्‍दुओं का नोट जारी किया गया है. जिसमें बताया गया है कि दीपक कई दिनों से कोचिंग नहीं आ रहे थे और मेंस की परीक्षा देने भी नहीं पहुंचे.

कहां के रहने वाले थे दीपक
दीपक मीणा राजस्‍थान की राजधानी जयपुर के पास दौसा जिले के थे. वह गांव बालिन के रहने वाले थे. वह महज 21 साल के थे. दीपक यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे. घर से ऑनलाइन तैयारी करने के बाद उन्‍होंने यूपीएससी प्री की परीक्षा पास कर ली थी और इसी सितंबर महीने में वह मेंस की तैयारी के लिए दिल्‍ली के मुखर्जी नगर आए थे.

मां से किया था ये वादा
दीपक के पिता चंदू लाल मीणा ने मीडिया को बताया कि वह 9 जुलाई को पहली बार दिल्‍ली के मुखर्जीनगर आया था. दिल्‍ली जाने से पहले दीपक ने अपनी मां से कहा था कि यूपीएससी पास करने के बाद ही वापस आऊंगा और तुम्‍हें सोने की गद्दी पर बिठाऊंगा, चिंता मत करना. चंदू कहते हैं कि एक सितंबर को वह बेटे से मिलने दिल्‍ली गए भी थे. रोजाना बेटे से फोन पर बातचीत होती थी 10 सितंबर के बाद से बात नहीं हो पाई. फोन नहीं उठा तो चिंता हुई. जिसके बाद पिता ने दिल्‍ली पहुंचकर कई जगहों पर तलाश किया लेकिन कुछ पता नहीं चला. परिजनों ने मुखर्जीनगर थाने में दीपक की गुमशुदी दर्ज कराई. अब 20 सितंबर को दीपक की लाश बरामद हुई है. पुलिस इसे आत्‍महत्‍या का मामला मान रही है लेकिन घर वाले हत्‍या की आशंका जता रहे हैं.