साइबर ठगों के खातों से 7 करोड़ की रिकवरी:2 करोड़ रुपए लोगों के खातों में लौटे

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(www.arya-tv.com)यूपी पुलिस ने मई 2021 से अब तक प्रदेश में साइबर ठगी के करीब सात करोड़ रुपए की रिकवरी की है। इसमें साइबर अपराधियों से ठगी के 2.02 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए। साथ ही ठगों के विभिन्न बैंक के खातों में जमा 5 करोड़ रुपए भी फ्रीज कराए गए।

साइबर क्राइम से निपटने के लिए यूपी पुलिस चला रही कई कार्यक्रम
डीजीपी मुकुल गोयल के निर्देश पर साइबर क्राइम से निपटने के लिए सभी जिलों में पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बीते 15 सितंबर से शुरू हुआ यह कार्यक्रम इस महीने की 30 तारीख तक चलेगा। मोबाइल और कंप्यूटर के इस्तेमाल में बरती जा रही लापरवाही का साइबर अपराधी फायदा न उठा सकें, इसके लिए भी यूपी में एक जागरूकता अभियान चल रहा है।

प्रदेश के साइबर क्राइम थानों की प्रमुख रिकवरी

  • बरेली में होरीलाल के ठगी के 2.76 लाख रुपए वापस हुए।
  • चित्रकूट धाम में अब्दुल हकीम अंसारी के 10.27 लाख में से 7.39 लाख रुपए की वापसी।
  • सहारनपुर में सचिन कुमार के चार लाख रुपए वापस हुए।
  • अलीगढ़ में अनुपमा तिवारी के 1.63 लाख में से 90 हजार रुपए मिले।
  • प्रयागराज में अखिलेश मिश्रा के 1.24 लाख में से 94 हजार रुपए, गौरव सिंह के 3.15 लाख और डॉ. आनंद कुमार के 1.25 लाख रुपए वापस हुए।
  • मुरादाबाद में मयंक अग्रवाल के 1.10 लाख रुपए वापस हुए।
  • वाराणसी में अजय श्रवण तिवारी के करीब दस हजार, सुजीत कुमार राय के 72 हजार और सुनील कुमार गुप्ता के 56 हजार रुपए वापस हुए।
  • लखनऊ में संजीव शुक्ला के 1.60 लाख, राम सिंह के 3.46 लाख, कैलाश चंद्र उपाध्याय के 2.18 लाख, प्रदीप यादव के 2.46 लाख और अरविन्द द्विवेदी के 2.20 लाख रुपए वापस हुए।
  • गौतमबुद्धनगर में रिटायर्ड कर्नल रणवीर सिंह के 1.40 लाख, सुमित अग्रवाल के 95 हजार, गोपाल शर्मा के 80 हजार, दीपक सक्सेना के 1.14 लाख, संदीप कुमार के 1.02 लाख, मंजू सिंह के 57 हजार और अभिषेक सिंह के करीब पचास हजार रुपए वापस मिले।

साइबर ठगी होते ही इन नंबरों पर करें शिकायत
हेल्पलाइन नंबर 155260/112 पर शिकायत करें। साथ ही एनसीआरपी पोर्टल की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • अपने बैंक खाते की केवाईसी अपडेट कराने के लिए कभी भी किसी से व्यक्तिगत जानकारी/ओटीपी/सीवीवी/पिन नम्बर नहीं मांगा जाता।
  • किसी के कहने से कोई भी ऐप डाउनलोड न करें।
  • किसी भी वेबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले अच्छी तरह जांच लें।
  • ऑनलाइन सेवाएं देने वाली कंपनी व सरकारी विभाग के कस्टमर केयर का नम्बर आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।
  • अज्ञात व्यक्ति/अज्ञात मोबाइल नम्बर से भेजी गई लिंक को क्लिक न करें।
  • सरकारी उपक्रम, वेबसाइट या फंड की आधिकारिक वेबसाइट से ही ट्रांजेक्शन करें।
  • वॉलेट और केवाईसी को ऑथराइज्ड सेन्टर पर जाकर ही अपडेट कराएं।
  • सोशल अकाउंट व बैंक खातों का पासवर्ड स्ट्रांग बनाएं, जिसमें नम्बर, अक्षर और चिन्ह तीनो हों, साथ ही टू-स्टेप-वेरीफिकेशन लगाए रखें।