(www.arya-tv.com) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काफी प्रयास के बाद भी भाजपा के एमएलसी पद के उम्मीदवार को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है। वहीं भाजपा के लिए वाराणसी का चुनाव परिणाम सबसे बड़ी चुनौती भी लेकर सामने आई है। माना जा रहा है माफिया बृजेश से पार्टी की दूरी का संकेत देते हुए ही सुदामा पटेल को पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन, पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बृजेश सिंह संग मिलीभगत से पार्टी की जमानत तक जब्त हो गई। इस बाबत पार्टी के उम्मीदवार ने चुनाव के पूर्व ही कई बार वरिष्ठों से शिकायत कर पार्टी के खिलाफ जाकर बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा के लिए काम करने का आरोप लगाया था।
बृजेश सिंह ने इस बार चुनाव मैदान से हटते हुए अपनी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था। जबकि पिछली बार भाजपा बृजेश के साथ थी। इस बार सरकार ने कपसेठी हाउस से इतर सुदामा पटेल पर दांव लगाया था। इसके बाद भी भाजपा से जुड़े बृजेश के करीबी लोगों ने चुनाव के दौरान निर्दल उम्मीदवार का साथ दिया। चुनाव के पूर्व कई बार सुदामा पटेल ने इस प्रकरण को उठाकर पार्टी में भितरघात का आरोप लगाया है। अब कोटा से ज्यादा मत प्राप्त कर वाराणसी से विजयी घोषित हुई अन्नपूर्णा सिंह की जीत के बाद से भाजपा में सियासी आरोपों का दौर शुरू हो गया। सबसे बड़ा आरोप भाजपा के ही उम्मीदवार ने अपने ही पार्टी के लोगों पर लगाया है। पार्टी में परिणामों को लेकर काफी मंथन का दौर चल रहा है कि आखिर पार्टी में वह कौन चेहरे हैं जो पार्टी के फैसले के खिजाफ विरोधी के लिए काम कर रहे हैं।