(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं का बड़े पैमाने पर हुए तबादले को लेकर घमासान जारी है।गुरुवार को भी यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन का धरना जारी रहा।ऐसे में प्रदेश भर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, जिला चिकित्सालयों में काम तो बाधित ही रहा साथ ही प्रदर्शन भी हुआ।स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं की हड़ताल का नतीजा है कि जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों का ब्योरा ऑनलाइन अपडेट नहीं हो पा रहा है।जिसके चलते प्रसूताओं का भुगतान फंसा हुआ है।
हड़ताल का रहा असर,कई काम हुए ठप –
प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे ने हाल में लिपिक श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए हैं।इनके विरोध में तीन दिन से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं।इसके चलते स्वास्थ्य केंद्र, सीएमओ कार्यालय, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल समेत मेडिकल कॉलेज में कार्य प्रभावित रहा।इसके अलावा चिकित्सा प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, मेडिकोलीगल प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग भटकते रहे।वहीं जननी सुरक्षा योजना का भुगतान भी पूरे प्रदेश में बाधित रहा।इसके अलावा जेम पोर्टल के माध्यम से खरीद-फरोख्त की फंसी रही।
यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल का आंदोलन –
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने कहा कि स्थानांतरण के नाम पर कर्मियों का शोषण स्वीकार नहीं किया जाएगा।स्थानांतरण में मानकों को ध्यान पर नहीं रखा गया, जब तक स्थानांतरण सूची निरस्त नहीं की जाती है, आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
तबादले निरस्त न होने पर आर पार की लड़ाई का ऐलान-
वही,उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ ने भी आंदोलन को समर्थन दिया।परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में मिनिस्ट्रियल संवर्ग के साथ ट्रांसफर में अन्याय हुआ है।राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर के तमाम जनपदों में विरोध व प्रदर्शन देखा गया।राजधानी के सिविल हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में नर्स भी प्रदर्शन में शामिल नज़र आई।