यूपी: बांग्लादेशी किशोरी को वेश्यावृत्ति को भारत में लाने वालों को मिली सजा, जानें क्या है पूरा मामला

Kanpur Zone UP

कानपुर(www.arya-tv.com) बांग्लादेशी किशोरी को वेश्यावृत्ति के लिए बिना पासपोर्ट वीजा के भारत लाने वाले एक बांग्लादेशी युवक व एक म्यांमार के शरणार्थी को अपर जिला जज सप्तम अभिषेक उपाध्याय ने दस-दस साल कैद और 26-26 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की 90 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को दी जाएगी। विदेशी विषयक अधिनियम का भी दोषी पाए जाने पर शरणार्थी को पांच हजार रुपये अतिरिक्त अर्थदंड देना होगा।

सियालदाह-अजमेर एक्सप्रेस के एस्कॉर्ट ने जीआरपी एसएचओ राममोहन राय को 26 अगस्त 2019 को सूचना दी थी कि ट्रेन के जनरल कोच में दो लोग एक किशोरी को जबरन बेचने के लिए दिल्ली ले जा रहे हैं। पूछताछ में किशोरी बांग्लादेश की और दोनों आरोपी रोहिंग्या मुसलमान निकले। बांग्लादेश के सतरवीरा निवासी अब्दुल रज्जाक व म्यांमार के आकयाब निवासी मो. अयाज को जीआरपी ने जेल भेज दिया था।

किशोरी को राजकीय बालिका गृह भेजा गया था। किशोरी ने बताया था कि भारत में रहने वाली उसकी मामी ने उसे नौकरी और अच्छे भविष्य का झांसा देकर भारत बुलाया था। बिना पासपोर्ट वीजा के नाव के सहारे सीमा पार कराकर मानव तस्करी में लिप्त गिरोह के लोग उसे भारत लाए और यहां वेश्यावृत्ति के धंधे में उतारना चाहते थे।

इन लोगों की बातचीत से उसे शक हो गया और उसने ट्रेन में शोर मचाकर दोनों को पकड़वा दिया। एडीजीसी जितेंद्र कुमार पांडे व विवेक शुक्ला ने बताया कि अब्दुल रज्जाक के पास से बांग्लादेशी पासपोर्ट मिला था जबकि मो.अयाज के पास से शरणार्थी शिविर का कार्ड मिला था। पैरोकार सुभाष भास्कर ने बताया कि कोर्ट के निर्देश पर गवाहों को विशेष प्रयास से समय पर हाजिर किया गया।