यूपी 112: एक दिन में 42 लाख कॉल किया जा सकेगा अटेंड, आपात स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम

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WWW.ARYATV.COM/ उत्तर प्रदेश की पुलिसिंग को मॉडर्न और पीपल सेंट्रिक बनाने की योजना पर लगातार काम चल रहा है। इस क्रम में लोगों की शिकायतों की प्रणाली को बेहतर बनाई गई है। किसी भी आपात स्थिति या बड़ी आपदा के दौरान 112 यूपी पर अब एक दिन में 42 लाख तक कॉल अटेंड की जा सकेंगी। अभी तक 112 यूपी की क्षमता 25 लाख कॉल्स की थी। यही नहीं अब प्रतिदिन 112 यूपी 28000 इवेंटस को अटैंड कर सकेगा। जिसकी संख्या अभी तक 18000 थी। यह संभव हुआ 112 यूपी के नेक्स्ट जेन फेज के चलते हुए आधुनिकीकरण के कारण। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को पांच कालिदास मार्ग पर आधुनिकतम पीआरवी को हरी झंडी दिखाकर 112 यूपी के दूसरे चरण का शुभारंभ किया।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कानपुर पुलिस के ट्रैफिककर्मियों को एसी हेलमेट का वितरण भी किया। सीएम ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि पुलिस को मॉर्डन होने के साथ मोबाइल होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्मार्ट पुलिस की अवधारणा के सूत्र का पुलिस को पूरी तरह से अनुसरण करना चाहिए। पुलिस सख्त के साथ संवेदनशील हो, अलर्ट के साथ अकाउंटेबल हो। सीएम ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है कानून का राज। सुरक्षा व संरक्षा का बेहतर वातावरण देना राज्य का दायित्व है और इसका निर्वाहन पुलिस करती है।

बॉडी वार्न कैमरों से लैस होंगे पीआरवीकर्मी

घटनास्थल पर एक-एक मूवमेंट को सही से रिकार्ड करने के लिए पीआरवीकर्मियों को बॉडीवार्न कैमरों से लैस किया गया है। वहां वाहनों पर पीटी जेड कैमरे लगाए गए हैं। ताकि वीडियो फुटेज और तस्वीरों के जरिए सही पक्ष को न्याय मिल सके और पुलिस कोई मनमानी न कर सके। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले 112 यूपी का कनेक्टविटी सिस्टम पीआरई साफ्टवेयर से संचालित हो रहा था, जिसमें एक लाइन में एक बार में 30 कॉल तक आ सकती थीं।डीजीपी ने कहा कि नए एसआईपी सिस्टम के तहत एक चैनल पर अब 1500 कॉल तक आ सकेंगी। हम एक ही समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए कॉल टेकर की संख्या को भी 673 से बढ़ाकर 825 किया गया है। वहीं पीआरवी वाहनों की संख्या को 4800 से बढ़ाकर 6278 किया गया है। दो पहिया वाहनों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि संकरी गलियों में भी लोगों को तत्काल मदद पहुंचाई जा सके।

दूसरे चरण में ईएलएस का इस्तेमाल
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि 112 यूपी के दूसरे चरण नेक्स्ट जेन में ईएलएस (इमरजेंसी लोकेशन सर्विस) का इस्तेमाल होगा। इसके जरिए कॉलर या मदद मांगने वाली की सटीक लोकेशन मिल सकेगी। यूपी पुलिस इस फीचर का इस्तेमाल करने वाली देश की पहली पुलिस है। यही नहीं अब कॉलर मदद के लिए भेजी गई पीआरवी को खुद भी ट्रैक कर सकेंगे।दूसरे चरण में यूपी 112 की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी को चैटबॉट के रूप में लागू किया गया है। इसी क्रम में मुख्‍य-मुख्‍य भारतीय भाषाओं के कंप्यूटर के जरिए आपस में अनुवाद कर कॉलर की समस्‍या समझकर उसका त्‍वरित हल प्रदान करने की व्‍यवस्‍था की गई है। कॉल्स के दौरान कॉलर की पहचान को गोपनीय रखने की व्यवस्था भी की गई है।