आज गुरू गोविंद सिंह की जयंती पर गुरुद्वारा नाका हिंडोला में किया गया आयोजन , जानिए यह सिखों के कौन से गुरू थे

Lucknow

लखनऊ (www.arya-tv.com) अयोध्या में श्रीराम के दर्शन व श्रीराम जन्म भूमि की रक्षा के लिए सिखों के 10वें व अंतिम गुरु गोविंद सिंह पटना से अयोध्या आए थे। उसी दौरान उनका राजधानी में आना बताया जाता है। सिख धर्म के जानकार व साहित्यकार डा.एसपी सिंह ने बताया कि 10वें गुरु गोविंद सिंह श्रीराम जन्म भूमि की रक्षा के लिए अयोध्या गए थे और वहां उन्होंने दर्शन के बाद बंदरों को चने भी खिलाए थे। गुरुद्वारा ब्रह्माकुंड में रखे दस्तावेज व तस्वीरें उनके आने की बात कहती हैं।

गुरु गोविंद सिंह का प्रकाशोत्सव 20 जनवरी को मनाया जाएगा। राजधानी के ऐतिहासिक गुरुद्वारा यहियागंज में प्रकाशोत्सव का विशेष महत्व है। यहां गुरु गोविंद सिंह साहिब ठहरे थे। बिहार के पटना साहिब में जन्मे गुरु गोविंद सिंह 1672 में छह वर्ष की आयु में अपनी माता माता गुजरी और मामा कृपाल जी महाराज के साथ आनंदपुर साहिब से पटना साहिब जाते समय दो महीने 13 दिन गुरुद्वारा यहियागंज में ठहरे थे। यहीं नहीं इसी स्थान पर गुरु तेग बहादुर जी महाराज 1670 यहां आए थे और तीन दिन तक रुके थे। गुरु गोविंद सिंह द्वारा हस्त लिखित गुरु ग्रंथ साहिब भी गुरुद्वारे में मौजूद है। हुक्मनामे भी गुरुद्वारे की शोभा बढ़ा रहे हैं।

गुरुद्वारे के सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि जिस समय गुरु महाराज इस स्थान पर आए उस समय इस स्थान की सेवा उदासी संप्रदाय के भाई संगतिया जी कर रहे थे। कायस्थ समाज इस स्थान के पास रहता था। कायस्थ समाज ने गुरु जी की सेवा कर आशीर्वाद प्राप्त किया था।लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से गुरुद्वारा नाका हिंडोला में आयोजन होगा। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि दो दिवसीय आयोजन 19 जनवरी से शुरू होंगे। 20 को मुख्य आयोजन होंगे। गुरुद्वारा आशियाना के जगमोहन सिंह ने बताया कि प्रकाशोत्सव पर विशेष दरबार सजाया जाएगा। गुरुद्वारा मानसरोवर कानपुर रोड के अध्यक्ष संपूर्ण सिंह बग्गा व गुरुद्वारा आलमबाग के अध्यक्ष निर्मल सिंह की ओर से विशेष आयोजन होंगे। गुरुद्वारा सदर के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने बताया कि गुरु की जीवनी पर आधारित पुस्तकें भेंट की जाएंगी।