(www.arya-tv.com) एक प्रोटोटाइप सैटेलाइट आधिकारिक तौर पर रात के आकाश में सबसे चमकदार वस्तुओं में से एक बन गया है. जिससे तारे देखने वाले और एस्ट्रोनॉमर्स टेंशन में आ गए हैं. नेचर में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, नया सैटेलाइट ब्लूवॉकर-3 अंधेरे आकाश में दिखाई देने वाले लगभग सभी सितारों को मात देता है. उसकी चमक के आगे ज्यादातर तारे फीके नजर आते हैं.
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, ब्लूवॉकर-3 एक प्रोटोटाइप सैटेलाइट है, जिसका स्वामित्व एएसटी स्पेसमोबाइल कंपनी के पास है. यह उसके प्लान्ड सैलेटाइट ग्रुप का हिस्सा है, जिसका मकसद दुनिया में कहीं भी मोबाइल या ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करना है. 693 वर्ग फुट आकार का सैटेलाइट ब्लूबर्ड्स नामक प्लान्ड कॉमर्शियल सैटेलाइट्स की एक बड़ी रेंज का पूर्ववर्ती है.
कब लॉन्च किया गया था ये सैटेलाइट?
ब्लूवॉकर 3 सैटेलाइट को पिछले साल सितंबर में लॉन्च किया गया था. यह मूल रूप से एक विशाल दर्पण है, जो लगातार सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी की ओर उछालता है. एक प्रवक्ता ने स्पेस.कॉम को बताया कि एएसटी का टारगेट निकट भविष्य में लगभग 90 समान सैटेलाइट का एक ग्रुप बनाना है.
एस्ट्रोनॉमर्स को सता रही है यह चिंता
एक स्टडी से पता चला कि यह एस्ट्रोनॉमी और रेडियो एस्ट्रोनॉमी के साइंस को खतरे में डाल सकता है. ब्लूवॉकर 3 सैटेलाइट इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (आईएयू) की रिकमेंडेशन से 400 गुना अधिक चमकीला है. यह स्टडी आईएयू के नेतृत्व में हुई है. जिसकी स्थापना 1919 में एस्ट्रोनॉमी के साइंस की सुरक्षा के लिए की गई थी.
मिशिगन यूर्निवर्सिटी के एमेरिटस एस्ट्रोनॉमर पैट्रिक सेइट्ज़र ने नेचर को बताया कि, पेपर ‘हमें दिखाता है कि सैटेलाइट चमक की कोई सीमा नहीं है’. हालांकि सेइट्ज़र इस स्टडी में शामिल नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘मुझे चिंता है कि हम अगले दशक में बहुत बड़ी संख्या में बड़े सैटेलाइट का प्रक्षेपण देखेंगे, और यह रात के आकाश का स्वरूप हमेशा के लिए बदल देगा.’