- रामरथ यात्रा ने भरी आंखों में खुशी और दिलों में विश्वास: विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह करवा रहे सरोजनीनगर के रामभक्तों को अयोध्या दर्शन
- छलक पड़ा भावनाओं का सैलाब: अयोध्या पहुंचे सरोजनीनगर के बुजुर्ग बोले: “विधायक ने पूरा किया जीवन का बड़ा सपना”
- राजनीति से परे एक यात्रा: डॉ. राजेश्वर सिंह की 52वीं रामरथ यात्रा बनी श्रद्धा और सेवा का संगम
- मातृस्मृति से जनसेवा तक:डॉ. राजेश्वर सिंह की अयोध्या यात्रा बनी राजनीतिक नेतृत्व का मानक
- सेवा और संस्कृति का निरंतर विस्तार:52वीं रामरथ-श्रवण अयोध्या यात्रा में खरिका वार्ड के श्रद्धालु हुए शामिल
लखनऊ। भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा संचालित ‘रामरथ-श्रवण अयोध्या यात्रा’ निःशुल्क बस सेवा ने समाजसेवा, श्रद्धा और जनसंबंध के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान रच रही है। शुक्रवार को 52वीं ‘रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा’ के माध्यम से खरिका वार्ड के वृद्धजनों और मातृशक्ति को पावन अयोध्या धाम के दिव्य दर्शन कराए गए।
यात्रा का इतिहास और उद्देश्य: 27 सितंबर 2022 को डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपनी माता स्वर्गीय श्रीमती तारा सिंह जी की पावन स्मृति में इस सेवा की शुरुआत की थी। अब तक लगभग 8,000 श्रद्धालु, जिनमें वरिष्ठ नागरिक, महिलाएँ, छात्र-छात्राएँ और वृद्धाश्रमों के बुजुर्ग शामिल हैं, अयोध्या धाम के दर्शन कर चुके हैं। इस यात्रा का उद्देश्य उन नागरिकों को यह दिव्य अवसर प्रदान करना है, जिनके लिए आर्थिक या स्वास्थ्य कारणों से अयोध्या जाना कठिन था।
सेवा को व्यवस्था में बदलने वाला नेतृत्व – डॉ. राजेश्वर सिंह ने इस धार्मिक सेवा को नीति-आधारित सामाजिक मॉडल का रूप दिया है, जहाँ चयन, संचालन, भोजन-जलपान, सुरक्षा और सुविधा सब कुछ पारदर्शी व संगठित प्रक्रिया में किया जाता है। उनकी टीम के वालंटियर्स इस यात्रा को पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ संचालित करते हैं।
यह बस सेवा अब सरोजनीनगर की सामाजिक-धार्मिक चेतना का प्रतीक बन चुकी है।
अयोध्या यात्रा : आस्था, विश्वास और नेतृत्व का संगम – 52वीं यात्रा के दौरान खरिका वार्ड के वृद्धजनों की आँखों में जो संतोष और कृतज्ञता दिखी, वह केवल धार्मिक भाव नहीं बल्कि लोक-प्रतिनिधि पर अटूट विश्वास का भाव था। यह यात्रा क्षेत्र में सांस्कृतिक आत्मगौरव, सामाजिक सुरक्षा और राजनीतिक विश्वसनीयता — तीनों को सुदृढ़ कर रही है।
संस्कृति के साथ विकास का समन्वय- रामरथ-श्रवण अयोध्या यात्रा यह संदेश दे रही है कि सरोजनीनगर में विकास योजनाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जागरण भी उतनी ही गति से आगे बढ़ रहा है। यह सब संभव हुआ है ऐसे नेतृत्व के कारण, जो सेवा को राजनीति का केंद्र, आस्था को समाज का आधार और जनता को अपने कार्य का परम ध्येय मानता है।
