नागरिकों के लिए आयुष्मान डिजिटल हेल्थ कार्ड जैसी सुविधाएं लाकर चिकित्सा जगत ने स्वास्थ्य सेवाओं को दी मजबूती

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(www.arya-tv.com) वर्ष 2021 में कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस भी बड़ी चुनौती था, लेकिन रिकार्ड वैक्सीनेशन, आपातकालीन स्थिति में बच्चों के लिए को-वैक्सीन की मंजूरी और स्वदेशी ब्लैक फंगस जांच किट व थ्री-डी प्रिंटेड कृत्रिम हार्ट वाल्व का निर्माण करने के साथ नागरिकों के लिए आयुष्मान डिजिटल हेल्थ कार्ड जैसी सुविधाएं लाकर चिकित्सा जगत ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती दी है..

बच्चों को वैक्सीन का सुरक्षा चक्र: 25 दिसंबर 2021 को भारत बायोटेक द्वारा विकसित को-वैक्सीन को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रलय ने आपातकालीन स्थिति में 12-18 वर्ष के बच्चों में इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। भारत बायोटेक ने उम्मीद जताई है कि यह बच्चों के लिए भी कारगर साबित होगी।

ब्लैक फंगस जांच किट: वैज्ञानिकों ने ब्लैक फंगस के लिए एक ‘मेड इन इंडिया’ टेस्ट किट विकसित की है। इससे मरीज में ब्लैक फंगस या म्यूकरमायकोसिस का पता लगाया जा सकेगा। इससे म्यूकरमायकोसिस की जांच बहुत सस्ती हो जाएगी। इसे जीसीसी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। यह केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रलय के जरनल आफ हेल्थ सर्विसेस के तहत सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन से मान्यता प्राप्त है।

ब्लैक फंगस जांच किट: वैज्ञानिकों ने ब्लैक फंगस के लिए एक ‘मेड इन इंडिया’ टेस्ट किट विकसित की है। इससे मरीज में ब्लैक फंगस या म्यूकरमायकोसिस का पता लगाया जा सकेगा। इससे म्यूकरमायकोसिस की जांच बहुत सस्ती हो जाएगी। इसे जीसीसी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। यह केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रलय के जरनल आफ हेल्थ सर्विसेस के तहत सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन से मान्यता प्राप्त है।