2500 फीट पर फंसे 14 में 10 लोग बचा लाए जवान; अब सिर्फ एक ट्रॉली में रह गए हैं लोग

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(www.arya-tv.com) झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर रोप-वे हादसे का मंगलवार को तीसरा दिन है। अब सिर्फ एक ट्रॉली में 4 लोग फंसे हैं, जिनका रेस्क्यू किया जा रहा है। तीसरे दिन साढ़े तीन घंटे से ऑपरेशन चल रहा है। एयरफोर्स के जवानों ने हेलिकॉप्टर से 2500 फीट ऊंचाई पर पहुंचकर रोप-वे की दो ट्रॉलियों में फंसे 10 को निकाल लिया है। ऊंचाई होने की वजह से यह सबसे मुश्किल रेस्क्यू है। इससे पहले दो दिन में 40 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

एक दिन पहले, सोमवार को सेना, वायुसेना, ITBP और NDRF की टीमों ने 12 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। इसमें 33 लोगों को तीन हेलिकॉप्टर और रस्सी के सहारे बचाया गया था। रेस्क्यू के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट जाने के कारण एक व्यक्ति की हेलिकॉप्टर से नीचे गिर कर मौत हो गई। अंधेरा और कोहरा हो जाने की वजह से ऑपरेशन बंद कर दिया गया था। अब तक कुल तीन लोगों की मौत हुई है। एक की पुष्टि प्रशासन ने नहीं की है। 12 लोग घायल हैं।

रेस्क्यू का सबसे कठिन दौर

वायु सेना, सेना और NDRF की टीमें अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं। टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि तीन ट्रॉली सबसे ऊंचाई पर हैं। रोप-वे के तार के कारण लोगों तक पहुंचने में कठिनाई आ रही है।अब तक इस ऑपरेशन में वायु सेना के तीन हेलिकॉप्टर को लगाया गया है। आला अधिकारी लगातार मौके पर कैंप कर रहे हैं। इस हादसे में बचाए गए कुछ लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें महिलाएं और बच्चियां शामिल हैं। कुछ घायलों को ICU में भी रखा गया है।

रात को भूखे-प्यासे रहे
दो ट्रॉली में एक ही परिवार के लगभग लगभग 8 से 10 लोग शामिल थे, जो देवघर के राम मंदिर रोड मोहल्ले के निवासी हैं। इनमें छठी लाल साह, उनकी पत्नी शोभा देवी, पुत्र अमित कुमार, पुत्र वधू खुशबू कुमारी, जया कुमारी, दो बच्चे 3 साल का वीर एवं 10 साल का कर्तव्य शामिल थे। परिवार ने रात भर बिना पानी के ही गुजारा किया। सुबह किसी तरह उन तक पानी पहुंचाया गया। इसमें से अधिकतर को निकाल लिया गया है। फंसे लोगों को खाना और पानी पहुंचाने के लिए पटना से ड्रोन मंगाया गया था, लेकिन शाम होने की वजह से फंसे लोगों तक खाना -पानी पहुंचाया नहीं जा सका। इसमें 3 और 4 साल के बच्चे भी हैं।