नगर निगम और एलडीए के विवाद के बीच लटके आवेदन करने वाले, ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग की दुकानों का फंसा आवंटन

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  • हमारे विशेष संवाददाता विशाल सक्सेना की विशेष रिपोर्ट, ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग की दुकानों के लटके आवंटन और हताश आवेदनकर्ता को लेकर।
Vishal Saxena

(www.arya-tv.com)महंगाई की मार सिर्फ आम नागरिकों तक ही सीमित नहीं हैं सरकारी विभागों में भी होड़ लगी है पैसा कमाने को लेकर, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग की दुकानों के आवंटन को लेकर साफ दिखाई दे रहा है। नगर निगम अधिकारियों ने ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग की उन दुकानों को आवंटन करने का टेंडर जारी कर दिया जिसका मालिकाना हक एलडीए के पास है। जारी टेंडर के अनुसार आवेदन कर्ता को 31 मई 22 तक आवेदन था।

अब सवाल यह उठता है जिन दुकानों का मालिकाना हक नगर निगम के पास है ही नहीं, उन दुकानों का आवंटन नगर निगम कैसे कर सकता है ?

आइए, पूरा प्रकरण विस्तार से समझते हैं:

ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग की 10 पार्किंग एलडीए ने नगर निगम को जनवरी 2020 में हैंडओवर की थी। इसमें से आठ पार्किंग में 185 दुकानें भी हैं, जिन्हें एलडीए ने नगर निगम को हैंड ओवर नहीं किया था। इसके बाद भी नगर निगम ने पार्किंग की दुकानों को किराए पर देने को लेकर टेंडर जारी कर दिया। आपको बता दे, दुकानों का मालिकाना हक अभी भी एलडीए के पास है।

  • इसकी जानकारी के बाद दुकानें हैंडओवर किए जाने को लेकर एलडीए को एक पत्र लिखा गया। जिस पर 31 मई को एलडीए ने बैठक प्रस्तावित की, मगर बैठक हुई नहीं, जिसके कारण पार्किंग की दुकानों को किराए पर आवंटित किए जाने की कारवाई फंस गई।

दुकानों के मालिकाना हक का मामला तय ना होने के कारण किराए पर आवंटन के लिए जो आवेदन किए गए थे वह अभी भी डिब्बे में ही बंद है उनको खोला नहीं गया है। दुकानों के आवंटन को लेकर अब आवेदन कब खुल जाएंगे इसकी अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

बताया जा रहा है अगली बैठक अगेल सप्ताह को होगी। उप कलेक्टर यमुना धर चौहान ने बताया हैंडोवर की कार्यवाही पूरी ना होने के कारण अब किराए पर आवंटन को लेकर आवेदन की लॉटरी अगली तारीख पर की जाएगी।

इस प्रकरण को देखकर आप यह तो समझ ही गए होंगे पैसा कमाने की होड़ में सरकारी विभाग भी नियम कानूनों को ताख पर रख कर निर्णय ले रहे हैं।