राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास -कुलपति

Lucknow

नवयुग कन्या महाविद्यालय राजेन्द्र नगर लखनऊ केंद्रीय शिक्षाशास्त्र विभाग एवं विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान अवध प्रांत तथा शारदा प्रसाद तिवारी मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय विद्वत संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफलतापूर्वक पांच वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित की गई । “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्रियान्वयन एवं चुनौतियां ” विषय पर विद्वत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का प्रारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय एवं समागत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से हुआ । यह संगोष्ठी महाविद्यालय के संरक्षक विजय दयाल एवं प्राचार्य प्रो. मंजुला उपाध्याय के निर्देशन में आयोजित हुई।

इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर मनुका खन्ना कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ डॉ. विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर जयशंकर पांडे समाजशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय मुख्य वक्ता डॉ. सुभाष मिश्रा शिक्षाशास्त्र विभाग बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर चंदना डे शिक्षाशास्त्र विभाग ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय लखनऊ उपस्थित रहीं। एक दिवसीय विद्वत संगोष्ठी शिक्षाशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्षा श्रीमती ऐश्वर्या सिंह के संयोजकतत्व में संपन्न हुई।

कुलपति का स्वागत महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. मंजुला उपाध्याय द्वारा अंगवस्त्रम् ,स्मृति चिन्ह् एवं पौध देकर किया गया तथा अन्य समागत अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय की वरिष्ठ प्रवक्ताओं के द्वारा स्मृति चिन्ह् अंगवस्त्रम,पौध देकर किया गया।

 कुलपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पांच साल में उपलब्धियां भी मिली किंतु चुनौतियों भी थीं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला लखनऊ विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय बना। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा प्रणाली में सुधार हुआ बच्चों के लिए खेल आधारित शिक्षा की शुरुआत और उच्च शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय कारण शामिल हुआ है । इसके अलावा 2020 का लक्ष्य 2025 तक सभी के लिए बुनियादी साक्षरता तथा विद्यार्थीयों का समग्र विकास, संख्यात्मकता प्राप्त करना है।

विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर जयशंकर पांडे ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है कि छात्र-छात्राएं विज्ञानमय कोश, मनोमय कोश, प्राणमय कोश से होते हुए विद्यार्थी आनंद मय कोश में प्रवेश करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति मौखिक या लिखित परीक्षा तक सीमित न रहे बल्कि उसको आचरण में भी उतारना होगा।
मुख्य वक्ता

डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति कोई पूरी तरह से नई नीति नहीं है बल्कि पहले से चली आ रही है अब संशोधित स्वरूप में है।शोध- बोध- प्रबोध, ज्ञान और विज्ञान आदि पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने ज्ञान और विज्ञान के संदर्भ में कहा कि ज्ञान शास्त्रीय ज्ञान है और विज्ञान विशिष्ट ज्ञान है हमारे शास्त्रीय ज्ञान में 18 विद्याओं और 64 कलाओं का वर्णन है। शास्त्र और विज्ञान विरोधी नहीं हैं दर्शन भी विज्ञान का विरोधी नहीं हैं बल्कि एक दूसरे का पूरक है चिंतन शाला और प्रयोग शाला दोनों का समन्वय , ज्ञानार्जन और उत्पादन राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समाहित है। कैरीकुलम, मल्टी डिसिप्लिनरी,तथा अधिन्यास आदि पर अपने विचार व्यक्त किये।

विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर चन्दना डे ने अपने व्याख्यान में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना है जिसमें कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हैं कौशल विकास पहल के साथ गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है। राष्ट्रीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020का परिणाम पूर्ण रूप से सकारात्मक है क्योंकि यह सभी स्तरों पर शिक्षा तक गुणवत्ता, समानता और सामर्थ्य पहुंच प्रदान करने पर केंद्रित है। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षाशास्त्र विभाग की सहायक आचार्य श्रीमती नीलम के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डॉ. मंजुल त्रिवेदी बी एस एन वी पी जी कॉलेज ,महाविद्यालय की विभिन्न संकायों की सम्मानित प्रवक्ताएं एवं शोध छात्र-छात्राएं तथा महाविद्यालय की सभी संकायों की छात्राएं और कर्मचारी गण उपस्थित रहें।