जोर शोर से जुटा प्रशासन… राम मंदिर के पूर्णता उत्सव की तैयारी, ध्वजारोहण से पहले परिसर को खाली करने के निर्देश

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 अयोध्या का प्रसिद्ध कार्तिक पूर्णिमा और परिक्रमा मेला सकुशल संपन्न हो गया। अब प्रशासन की नजर 25 नवंबर को श्रीराम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम पर है। यह अयोध्या में श्री राम मंदिर की पूर्णता का उत्सव है। उत्सव लगभग पांच दिन तक लेगा। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। श्री राम मंदिर परिसर में तैयारी श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट करा रहा है। परिसर के बाहर की तैयारी की रणनीति पर जिला प्रशासन ने मंथन शुरू कर दिया है। पीएम मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम के चलते संवेदनशीलता बढ़ गई है।

उनके साथ कई वीवीआईपी के आने की संभावना है। लगभग आठ हजार की संख्या में अतिथि समारोह में शामिल होंगे। ऐसे में वीवीआईपी कार्यक्रमों के मानक की सुरक्षा व्यवस्था, श्रद्धालुओं के लिए नागरिक सुविधाओं के साथ यातायात और दूसरी व्यवस्थाएं बड़ा मुद्दा है। अफसर अनौपचारिक बातचीत में तैयारियों पर मंथन की बात कहते हैं। अगले कुछ दिन में यह सतह पर दिखाई पड़ेगी।

10 तक काम पूरा कर 12 तक परिसर खाली करें निर्माण एजेंसियां

राममंदिर परिसर में 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम के तहत मंदिर ट्रस्ट ने निर्माण एजेंसियों को 10 नवंबर तक काम पूरा करने और 12 नवंबर तक परिसर खाली करने के निर्देश दिए हैं। राम मंदिर ट्रस्ट के व्यवस्था प्रभारी गोपाल जी राव ने गुरुवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 को राममंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। हरे भरे वातावरण के बीच कार्यक्रम को संपन्न कराने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। परिसर को ग्रीन हाउस के रूप में तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर परकोटा के बीच कोर्ट यार्ड को सजाने का काम शुरू कर दिया गया है। यहां रखे अतिरिक्त पत्थरों को परिसर से हटाकर दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है। कहा कि प्रधानमंत्री राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम संपन्न करने के बाद परकोटा के कॉरिडोर में भ्रमण कर सट्टा सप्त मंडपम में भी दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे।

ध्वजारोहण कार्यक्रम के तहत दिए निर्देश

जिसको लेकर भव्यता के साथ सुंदर दृश्य के रूप में संवारने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले अतिथियों परकोटा के कोर्ट यार्ड में बैठने की व्यवस्था होगी।

जहां लगभग 8000 लोगों को स्थान दिया जाएगा। इन अतिथियों को जगतगुरु रामानुजाचार्य प्रवेश द्वार से दर्शन मार्ग के रास्ते परकोटे में प्रवेश दिया जाएगा।