करोड़ों रुपये हेरफेर करने वाले आरोपित बैंक मैनेजर को नहीं मिली अग्रिम जमानत, जानिए क्या है कारण

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प्रयागराज (www.arya-tv.com) स्वच्छता कार्यक्रम के संचालित खाते से शौचालय के नाम पर करोड़ों रुपये की धनराशि के हेरफेर करने के आरोपित बैंक आफ बड़ौदा के रिटायर्ड वरिष्ठ प्रबंधक प्रमोद कुमार शर्मा की अग्रिम जमानत अर्जी जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है। अपर जिला जज नुसरत खान ने एडीजीसी भानु प्रताप सिंह के तर्कों एवं आरोपित के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद अग्रिम जमानत देने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा अपराध गंभीर श्रेणी का है स्वच्छता अभियान कार्यक्रम से खाते में करोड़ों का हेरफेर हुआ है। इस मामले में अग्रिम जमानत देने का कोई भी आधार नहीं है।

जिला पंचायत अधिकारी ने 2014 में दर्ज कराई थी एफआइआर

सुरेंद्र प्रताप सिंह जिला पंचायत राज अधिकारी ने 13 नवंबर 2014 कर्नलगंज थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। बैंक आफ बड़ौदा प्रयागराज की शाखा में मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से स्वच्छता कार्यक्रम का खाता संचालित होता था‌। खाते से धनराशि निकालने के लिए दोनों के संयुक्त हस्ताक्षर वाले चेक के साथ पत्र संलग्न करके चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के माध्यम से बैंक को भेजा जाता था। सुरेंद्र प्रताप सिंह का आरोप है के कुछ लोगों द्वारा चेक और फर्जी तरीके से पत्र तैयार करके एक करोड़ 25 लाख रुपये से ज्यादा धनराशि आरोपित बैंक मैनेजर के मिलीभगत से निकाल ली गई थी।

माफिया बृजेश सिंह के मुकदमे में डाक्टर का बयान दर्ज

वाराणसी जेल में बंद हत्यारोपित माफिया बृजेश सिंह के मुकदमे में डाक्टर ओम प्रकाश सिंह का बयान दर्ज किया गया। एमपी एमएलए की विशेष कोर्ट ने पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर को तलब किया था। विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव के समक्ष एडीजीसी राजेश गुप्ता विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र सिंह ने मृतकों का पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर ओम प्रकाश सिंह का शपथ पूर्वक बयान दर्ज कराया।

मुख्‍तार अंसारी ने गाजीपुर में हत्‍या का दर्ज था मुकदमा

कोर्ट में पोस्टमार्टम पोटली उपलब्ध नहीं थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने न्यायालय में पोस्टमार्टम पोटली को मंगाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए पोस्टमार्टम पोटली आने के बाद जिरह करने का आदेश दिया। कोर्ट ने जिरह करने के लिए 10 नवंबर की तिथि नियत की। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, अनिल सिंह और उनके साथियों के विरुद्ध 2001 में थाना मोहम्मदाबाद जनपद गाजीपुर में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।