आदमखोर तेंदुए के आतंक से थर्राया UP का ये जिला, 10 दिन में 3 मासूमों की ली जान, दहशत में लोग

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(www.arya-tv.com)  यूपी के बलरामपुर जिले का तराई क्षेत्र इस समय आदमखोर के आतंक से थर्रा गया है. बीते 10 दिनों में आदमखोर जानवर ने चार मासूम बच्चों को अपना निवाला बना लिया है. गुरुवार की रात हर्रैया थाना क्षेत्र के बेलवा गांव में आदमखोर जानवर जगदंबा प्रसाद के 7 वर्षीय बेटे विकास को उस समय घर से उठा ले गया जब वह घर के बाहर अलाव ताप रहा था. एक घंटे बाद विकास का शव गांव से 500 मीटर दूर पहाडी नाले की झाड़ियों में पाया गया.

इसके पहले तुलसीपुर थाना क्षेत्र के लाल नगर सिपहिया गांव में आदमखोर ताबड़तोड़ दो बच्चों का शिकार कर चुका है. इन घटनाओं के बाद से पूरे इलाके में भय और दहशत के साथ आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है. गुरुवार की रात बेलवा गांव में हुई घटना के बाद पुलिस प्रशासन और वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और आक्रोशित भीड़ को शांत कराया. इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने वन क्षेत्राधिकारी केपी सिंह के साथ हाथापाई भी की. इसके पूर्व आदमखोर जानवर 4 नवंबर को तुलसीपुर थाना क्षेत्र के लाल नगर सिपहिया गांव से एक बच्ची को उठा ले गया था और चार दिन बाद उसका शव गांव के बाहर गन्ने के खेत में मिला था.

इसी बीच 11 नवंबर को गांव के एक अन्य बच्चे को आदमखोर जानवर उठा ले गया था, अगले दिन उसका भी शव गांव के बाहर खेत में पाया गया. लाल नगर सिपहिया गांव में वन विभाग की टीम आदमखोर की तलाश कर रही थी, इसी बीच गुरुवार की रात हरैया थाना क्षेत्र के बेलवा गांव की घटना ने कोहराम मचा दिया. ग्रामीण अपने बच्चों को लेकर दहशत में हैं, हालांकि वन विभाग आदमखोर जानवर की पहचान तेंदुए के रूप में कर रहा है.

सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ सेमरान मुथु ने बताया की घटनास्थल के आसपास जो पदचिन्ह मिले हैं वो तेंदुए के हैं. इसी आधार पर कहा जा सकता है कि घटना को अंजाम देने वाला जानवर तेंदुआ ही है. उन्होंने बताया कि लाल नगर सिपहिया गांव में 9 कैमरे और चार पिंजरे लगाए गए हैं लेकिन अभी तक कोई जानवर ना तो पिंजरे में फंसा है और ना ही कमरे में कैद हुआ है. गुरुवार की रात बेलवा गांव में हुई घटना के बाद यहां भी कैमरे लगाए जा रहे हैं और पिंजरा भी लगाया गया है.

डीएफओ ने बताया की शासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करने के लिए डॉक्टरों की टीम भेजी है. इसके अतिरिक्त सिद्धार्थ नगर और बाराबंकी जनपद के डीएफओ को भी सुहेलवा वन्य जीव प्रभाग में भेजा गया है ताकि घटनाओं को रोकने और आदमखोर तेंदुए को पकड़ने में मदद मिल सके. जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की मदद से जन जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है.