आगरा एक्सप्रेसवे पर 27 अक्टूबर को स्लीपर बस में आग लगने से पूरी बस जल गई थी। पिछले कुछ दिनों से लगातार बसों में घटनाएं घटित हो रहीं है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लखनऊ क्षेत्र में 29 व 30 अक्टूबर को बसों के तकनीकी एवं भौतिक निरीक्षण के लिए दो दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया है। यह जांच ट्रांसपोर्ट नगर स्थित पार्किंग में खड़ी बसों पर की जा रही है। जांच दो संभागीय निरीक्षकों (प्राविधिक) व दो यात्री अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है।
एआरटीओ प्रवर्तन राजीव कुमार बंल ने बताया कि बुधवार को कुल 36 बसों की जांच की गई, जिनमें 30 बसें सुरक्षा मानकों के अनुरूप पाई गईं, जबकि 6 बसों में तकनीकी कमियां मिलीं। बसों में इमरजेंसी एग्जिट का सही स्थान या आकार न होना (3 बसें), फायर सिलेंडर मानक के अनुरूप न होना (3 बसें), सीट/स्लीपर क्षमता में गड़बड़ी (4 बसें – एआईएस 119 के अनुरूप नहीं) और ओवरहैंग या बॉडी बढ़ाई जाना (3 बसें) शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इन बसों के चालान किए जा रहे हैं और संबंधित रजिस्ट्रिंग ऑथोरिटीज को उनके फिटनेस प्रमाणपत्र निरस्त करने व सुधार के बाद पुनः जारी करने की संस्तुति की जाएगी। निरीक्षण में संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) संजय तिवारी, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) प्रभात पांडेय, आरआई० सीतापुर संजय कुमार, आरआई कन्नौज व हरदोई उमेश कटियार, यात्री व मालकर अधिकारी मनोज कुमार और अनीता वर्मा शामिल रही।
