बस्ती की सड़कों के कब सुधरेंगे हालात? अधिकारी नहीं देते ध्यान, जनप्रतिनिधि भी नहीं ले रहे सुध

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(www.arya-tv.com)  प्रदेश की सड़को को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं. गड्ढा मुक्त करने का शासन की तरफ से अभियान चलाया जा रहा है इसके लिए करोड़ो खर्च कर दिए गए लेकिन बस्ती जनपद की लाइफ लाइन कही जाने वाली मालवीय रोड और स्टेशन रोड आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. किसी नेता ने इन सड़कों की सुध नहीं ली जिसका खामियाजा जनता को हर दिन भुगतना पड़ रहा है. कई नेता आए और चले गए, कई डीएम आए और वे भी चले गए मग किसी ने इस सड़क के जीर्णोधार करने का प्रयास नहीं किया.

पिछले 10 वर्षों से बस्ती की जनता रिंग रोड और जलमार्ग से ट्रांसपोर्टिंग का सपना देख रही है. हकीकत ये है कि शहरी क्षेत्र में भी चलने को शुद्ध सड़कें मयस्सर नहीं हैं. रेलवे स्टेशन से लेकर फौव्वारा तिराहा तक करीब 5 KM सड़क वर्षों से खराब हैं. सड़क में बने हजारों गड्ढे यात्रियों के लिये मुसीबत बन गये हैं. हालांकि इसमें करीब 500 मी. सड़क की पैचिंग स्थानीय प्रशासन ने उस वक्त आनन फानन में करवा दिया था. ये वही दूरी है जहां से मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को गुजरना था. आपको याद दिला दें 4 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आर्य समाज के वार्षिकोत्सव में आये थे.

कब सुधरेंगे सड़कों के हालात
उन्होने जिला अस्पताल चौराहे से दक्षिण दरवाजा चौराहा होते हुये होटल बालाजी तक जाना था. कार्यक्रम स्थल होटल बालाजी ही था. इसलिये दक्षिण दरवाजा से होटल बालाजी तक की सड़क रातोरात गड्ढामुक्त हो गई. जबकि कार्यक्रम स्थल से 10 मीटर आगे नारकीय दृश्य था लेकिन अफसरों ने बड़ी होशियारी से उप पर परदा डाल दिया. मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में रेलवे स्टेशन से लेकर फौव्वारा तिराहा (सुभाष तिराहा) तक की सड़क को गड्ढामुक्त कराने का निर्देश दिया था. डीएम अन्द्रा वामसी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अखबारों में खबर छपवाई थी कि उपरोक्त सड़क को गड्ढामुक्त करने का शासन से अनुमोदन प्राप्त हो गया है.

तब से लेकर आज तक जनता उम्मीद लगाये बैठी है. हैरानी इस बात की है कि मुख्यमंत्री स्तर के लोगों की कही बातें भी धरातल पर नही उतर रही हैं. निवर्तमान सांसद पत्रकारों को उल्टे सीधे जवाब देकर उनकी जुबान बंद करते रहे लेकिन शहर की मुख्य सड़क को गड्ढा मुक्त कराने के लिये कोई ठोस पहल नही की. मौजूदा सांसद और सदर विधायक भी इस समस्या को लेकर बिलकुल गंभीर नही है. जनता बोलने से रही, नेता सुनने से रहे, अफसरों ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. यही कारण है कि पूरी व्यवस्था का बेडा़ गर्क हो रहा है. अब बरसात का मौसम शुरू हो चुका है. रेलवे स्टेशन से लेकर मालवीय रोड सुबाष तिराहे तक पूरी सड़क तालाब की शक्ल में दिखेगी, गड्ढा बचायें या खुद को समझ में नही आयेगा.

सड़क पर पैदल चलने वालों के सामने और बड़ी चुनौतियां आने वाली हैं, आते जाते वाहनों के पहिये गड्ढों में गिरेंगे और पदयात्रियों के ऊपर छप्प से गंदा पानी जायेगा. हम ये बातें इसलिये कर रह रहे हैं नेताओं की संवेदनायें मर गईं हैं वे आपके बुनियादी जरूरतों के बारे में कम सोचते हैं, एक चुनाव आप उन्हे जिता देते हैं उसके बाद पूरे चार साल वे अगला इलेक्शन लड़ने की तैयारी में बिजी हो जाते हैं. आपकी सुरक्षा आपके हाथों में है. हमें तो लगता है किसी नेता, अफसर में दम नही जो मालवीय रोड को गड्ढामुक्त करा सके. सत्ता में बैठी सरकार को हिन्दू मुसलमान, लवजेहाद, काशी मथुरा अयोध्या और बुलडोजर से समय मिलेगा तो आपकी बुनियादी जरूरतों पर विचार करेगी.