चेकिंग के बहाने कारोबारी की गाड़ी रुकवाकर वारदात: इंस्पेक्टर-दरोगा ने लूटी 50 किलो चांदी

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(www.arya-tv.com)  कानपुर के एक इंस्पेक्टर और दरोगा की करतूत ने यूपी पुलिस को शर्मसार किया है। दोनों ने चेकिंग के बहाने बांदा के एक ज्वैलरी कारोबारी की कार रुकवाई। इसके बाद कार में रखी 50 किलो चांदी लूट ली। घटना 6 जून की है। 7 जून को इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई।

जांच के बाद SP औरैया चारू निगम और कानपुर देहात के SP बीबीजीटीएस मूर्ति की मौजूदगी में भोगनीपुर में तैनात इंस्पेक्टर अजयपाल कठेरिया, दरोगा चिंतन कौशिक को गुरुवार रात अरेस्ट कर लिया। वहीं, सिपाही रामशंकर यादव अभी फरार है। पुलिस ने दरोगा के सरकारी आवास से लूटी गई 50 किलो चांदी भी बरामद कर ली।

आईजी कानपुर ने इंस्पेक्टर, दरोगा और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया है। तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं।

बांदा के रहने वाले सर्राफ मनीष सोनी उर्फ सागर ने बताया कि 6 जून को वह अपनी क्रेटा कार बांदा से औरेया जा रहे थे। उनके साथ मामा का लड़का रवि सोनी और भाभी सोनाली सोनी और उनकी बेटी अशी थी। वह बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे से जा रहे थे। गाड़ी ड्राइवर जगनन्दन पाल चला रहा था।

औरैया जिले में एंट्री करते ही दोपहर 2:30 से 2:45 बजे के बीच एक सफेद रंग की स्कार्पियो गाड़ी के पास खड़े चार लोगों ने हाथ देकर गाड़ी रुकवा ली। गाड़ी रोकने वालों में दो व्यक्ति सादे कपड़े पहने थे, जबकि एक व्यक्ति दरोगा की वर्दी पहने था और पिस्टल लगाए था। एक सिपाही की वर्दी पहने था। कांस्टेबल के हाथ में कार्बाइन थी।

गाड़ी से सबको नीचे उतारा, फिर बैग अपनी गाड़ी में रख लिए
उन लोगों ने ड्राइवर से कहा- अपनी आईडी दिखाओ। फिर नीचे उतारकर खड़ा कर दिया। मेरे भाई रवि और भाभी को भी कार से नीचे उतार दिया। मैं भी गाड़ी से उतरकर खड़ा हो गया। इसके बाद उन लोगों ने गाड़ी की तलाशी ली। गाड़ी में दो बैग रखे हुए थे, जिसमें चांदी के 30 टुकड़े थे। उन्होंने दोनों बैग उठाकर अपनी गाड़ी में रख लिया।

ड्राइवर से कहा कि गाड़ी में बैठो तो ड्राइवर उनकी गाड़ी स्कार्पियो में बैठ गया। ड्राइवर ने बताया कि स्कार्पियो वहां से चली गई। कुछ दूर आगे आगे बसंत पेट्रोल पंप पर तेल डलवाया। कुछ समय रुकने के बाद ड्राइवर को उतार दिया और गाड़ी औरैया की तरफ गाड़ी चली गई। ड्राइवर को सभी लोगों के मोबाइल वापस कर दिए।

इसके बाद मैं गाड़ी लेकर अपने मामा के घर औरैया पहुंचा। कुछ देर बात ही मेरा ड्राइवर जगननन्दन भी मेरे मामा के घर पहुंचा। फिर उसने पूरी कहानी बताई। इसके बाद औरैया कोतवाली में लूट की एफआईआर दर्ज कराई।