(www.arya-tv.com)मोबाइल पर हुई हालिया रिसर्च अलर्ट करने वाली है। किंग्स कॉलेज लंदन की रिसर्च कहती है, अगर मोबाइल एडिक्शन से जूझ रहे हैं तो इससे दूरी भी परेशान करती है। मोबाइल से दूरी बनने पर लोगों में नींद न आना और बेचैनी जैसे लक्षण दिखते हैं। यह बात 1,043 मोबाइल यूजर्स पर हुई रिसर्च में सामने आई है। रिसर्च में शामिल यूजर्स की उम्र 18 से 30 साल के बीच थी।
1043 में से 406 मोबाइल एडिक्शन से जूझ रहे
रिसर्च में शामिल एक चौथाई यूजर्स ऐसे थे जो एक दिन में कम से कम 3 घंटे मोबाइल का इस्तेमाल करते थे। वहीं, 19 फीसदी ऐसे थे जो रोजाना 5 घंटे से अधिक समय मोबाइल में बिजी रहते थे। 1,043 में से 406 लोग मोबाइल एडिक्शन से जूझ रहे थे। ये यूजर्स मोबाइल इस्तेमाल करने का समय घटा नहीं पा रहे थे। जब इनसे मोबाइल अलग किया गया तो इनमें बेचैनी के लक्षण दिखने लगे। 57 फीसदी यूजर्स की रातों की नींद उड़ गई।
स्मार्टफोन के एडिक्शन का लेवल समझने की कोशिश
किंग्स कॉलेज की सायकोलॉजिस्ट सामंथा सोन कहती हैं, स्मार्टफोन हमारे जीवन का इतना अहम हिस्सा बनता जा रहा है जिसे अलग करना मुश्किल हो गया है। इस स्टडी के जरिए ये बताने की कोशिश की जा रही है कि यह सेहत पर भी कितना बुरा असर डाल रहा है। इसके अलावा स्मार्टफोन के एडिक्शन का लेवल समझने की कोशिश भी जारी है।
सायकियाट्रिस्ट निकोल काल्क कहती हैं, हम जितना ज्यादा स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, उतना ही ज्यादा असर नींद पर पड़ता है।
कहीं आपके मोबाइल एडिक्शन की वजह इनमें से तो एक नहीं…
- फैड (फेसबुक एडिक्शन डिसऑर्डर): अगर आप फेसबुक पर लगातार पिक्चर्स पोस्ट करने के शौकीन हैं और आपको हमेशा अपने दोस्तों की पोस्ट्स का जरूरत से ज्यादा इंतजार रहता है तो इसका मतलब है कि फेसबुक एडिक्शन डिसऑर्डर आप पर हावी है। इसी की वजह से आप अपनी पिक्सर्च की रेटिंग भी दूसरे सोशल मीडिया यूजर्स के रेस्पॉन्स के आधार पर करते हैं।
- नोमोफोबिया: नोमोफोबिया का अर्थ है मोबाइल खोने, पास न होने या फिर उसका इस्तेमाल न कर पाने का डर। फोन में सिग्नल के न आने या बैटरी लो होने की वजह से अगर आप फिक्रमंद हो उठते हैं तो यह नोमोफोबिया के लक्षण हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह ऐसी स्थिति है जहां डिवाइस से हमारा लगाव हानिकारक है।
- सेल्फाइटिस: यह अंधाधुंध सेल्फीज पोस्ट करने से जुड़ा डिसऑर्डर है। अगर आप लगातार सेल्फी लेकर उसे इंस्टाग्राम, फेसबुक, स्नैपचैट और अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर पोस्ट करते रहते हैं तो आप इस डिसऑर्डर की ओर बढ़ रहे हैं। सेल्फिटिस शब्द 2014 में खोजा गया था।
- आईजीडी (इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर): अगर आप घंटों कैंडी क्रश, फीफा ऑनलाइन या दूसरे गेम्स खेलते हैं तो आईजीडी के बारे में जानना आपके लिए जरूरी है। जरूरत से ज्यादा ऑनलाइन गेम्स खेलने की इच्छा और दूसरे सोशल मीडिया यूजर्स को गेम के लिए रिक्वेस्ट भेजने की आदत होने का मतलब है कि आप इस डिसऑर्डर से पीडित हैं।
- फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम: फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम (पीवीएस) एक ऐसा डिसऑर्डर है, जिसमें बिना फोन के बजे हमेशा वाइब्रेशन का अहसास होता है। ऐसा फोन के नहीं बजने पर भी होता है। दरअसल, किसी भी कॉल या मैसेज के मिस होने के डर के चलते हम जरूरत से ज्यादा सजग होते हैं और बिना वाइब्रेशन के भी वाइब्रेशन की आवाज महसूस करते हैं। जबकि, मेंटल हेल्थ के लिहाज से यह ठीक नहीं है।
- फोमो (फियर ऑफ मिसिंग आउट): फियर ऑफ मिसिंग आउट का अर्थ है सोशल मीडिया पर कुछ भी छूट न जाए। अगर आप लगातार सोशल मीडिया चेक किए बिना नहीं रह सकते, सोशल मीडिया की हर एक अपडेट पर लाइक, कमेंट या उसे शेयर करने के लिए हमेशा उतावले रहते हैं और बिना समय लगाए तुरंत ऐसा करना चाहते हैं तो संभावना है कि आप फोमो के शिकार हैं।