छह वर्षीय अरिष्का पहुंचीं एवरेस्ट बेस कैंप, माउंट एवरेस्ट की चोटी तक चढ़ने का है सपना

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(www.arya-tv.com) आमतौर पर जिस उम्र में बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ ऑनलाइन गेमिंग, दोस्तों के साथ मौज मस्ती, सिंगिंग और डांसिंग ज़्यादा पसंद करते हैं, उस उम्र में अरिष्का ने अपनी माँ डिंपल लड्ढा के साथ माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर चढ़ाई कर इतिहास रच दिया है।

छह वर्षीय अरिष्का ने मां के साथ 15 दिन में इस अभियान को पूरा किया है। आमतौर पर 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे ही बेस कैंप तक चढ़ाई करते हैं।

महाराष्ट्र के पुणे शहर की छह वर्षीय अरिष्का लड्डा माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय लड़की बन गई हैं। यह शिविर 17,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है।

अरिष्का कई सालों से साइकिलिंग, ट्रेकिंग और रनिंग कर रही हैं। इस मां-बेटी की जोड़ी ने -3 से -17 डिग्री के बीच के कठोर तापमान में ट्रेकिंग कर इस सफर को पूरा किया। कड़ाके की ठंड से बचने के लिए अरिष्का ने 7 से 8 जोड़ी कपड़े पहने थे।

अरिष्का की माँ डिंपल बताती है कि मेरी बेटी शुरू से ही स्पोर्ट्स में अच्छी रही है और वह बचपन से ही एथलेटिक्स में शामिल रही है। हम हर शनिवार और रविवार को पुणे के आसपास के किलों पर चढ़ाई करते हैं। हमने कई बार सिंहगढ़ पर चढ़ाई की है। अरिष्का साइकिल के साथ ट्रेकिंग और दौड़ने का भी अभ्यास कर रही है।

माँ ने उसे बताया गया था कि यह जोखिम भरा अभियान है और इसके बावजूद उसने आगे बढ़ने का फैसला किया। वहीं, अरिष्का के पिता कौस्तुभ ने कहा, उसने भारत को गौरवान्वित किया है। हम खुश हैं।

एवरेस्ट बेस कैंप पर चढ़ाई कर इतिहास रचने वाली छह वर्षीय अरिष्का लड्डा ने कहा कि वहां बहुत ठंड थी लेकिन मैं बहुत खुश हूँ कि हमने ट्रेक पूरा किया। मैं बड़ी होकर एक दिन माउंट एवरेस्ट की चोटी तक चढ़ना चाहती हूँ।

अरिष्का और डिंपल ने अपने इस सफर में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन मंज़िल तक पहुंचने के अपने लक्ष्य को पूरा करके ही दम लिया!