(www.arya-tv.c0m)बेहतर इलाज की आस में राजधानी लखनऊ आने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (SGPGI) में नवंबर माह से इमरजेंसी विभाग शुरू हो जाएगा। इसकी क्षमता 210 बेड की होगी। अभी महज 30 बेड थे, जो इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए थे। बेड संकट से मरीजों को अक्सर वापस लौटना पड़ता था। लेकिन अब बेड की कमी की समस्या से निजात मिलने की आशा जगी है। संस्थान का दावा है कि 15 नवंबर से बढ़े बेड पर मरीजों की भर्ती चालू कर दी जाएगी। वहीं, पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में भी गंभीर मरीजों की भर्ती शुरू होगी।
निदेशक बोले- जल्द शुरू होगी नए बेड पर भर्ती
अभी SGPGI इमरजेंसी में महज 30 बेड हैं लेकिन क्षमता से कई गुना अधिक मरीज आ रहे हैं। बेड फुल होने की दशा में मरीजों को लौटाया जा रहा है। गंभीर मरीज इलाज के अभाव में भटक रहे हैं। मरीजों की समस्याओं को कम करने के लिए पीजीआई प्रशासन इमरजेंसी में बेड बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने बताया कि जल्द ही इमरजेंसी में 15 नवंबर से 210 बेड पर मरीजों की भर्ती चालू होगी।
PGI ट्रॉमा के 50 बेड पर मरीज भर्ती होंगे
संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में 50 बेड इमरजेंसी मरीजों के लिए शुरू किए जाएंगे। हालांकि अभी ट्रॉमा राजधानी कोविड हॉस्पिटल ही रहेगा। चूंकि कोविड की रफ्तार कम है इस लिहाज से कुछ बेड का इस्तेमाल दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ितों के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोनों सुविधाएं मिलने से मरीजों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।
KGMU और लोहिया संस्थान में कम होगा दबाव
SGPGI की इमरजेंसी में बेड बढ़ाने व ट्रॉमा सेंटर के शुरू होने से दूसरे अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा। सबसे ज्यादा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के ट्रॉमा सेंटर पर मरीजों का दबाव कम होगा। यहां के 400 बेड हैं। 150 से अधिक स्ट्रेचर हैं। बेड फुल होने की दशा में स्ट्रेचर पर मरीजों को इलाज मुहैया कराया जाता है। SGPGI में सुविधाएं बढ़ने से KGMU ट्रॉमा सेंटर व लोहिया सेंटर पर मरीजों का दबाव कम होगा।