वैज्ञानिक और लेखक माधव सक्सेना पंचतत्व में विलीन

Lucknow

(विपुल लखनवी ब्यूरो प्रमुख पश्चिमी भारत)

मुंबई। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद से सेवानिवृत्त डॉक्टर माधव सक्सैना ‘अरविंद’ के पार्थिव शरीर को चेंबूर स्थित विद्युत शवदाह गृह में पंचतत्व में विलीन कर दिया गया। इसके पहले उनके निवास देवनार स्थित बसेरा में बीएआरसी के हॉस्पिटल से शव को लाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर भारत सरकार के पूर्व परमाणु दल के सदस्य डॉ. वीके ग्रोवर, वरिष्ठ वैज्ञानिक अरुण सक्सेना, एनवी मंगलवडेकर, कवि लेखक वैज्ञानिक विपुल लखनवी सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। अमेरिका से आए उनके पुत्र ने दाह संस्कार किया।

ज्ञात हो स्व.माधव सक्सेना वैज्ञानिक होने के साथ राजभाषा हिंदी के परम भक्त और सेवक थे आज से 55 वर्ष पूर्व जब भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा हिंदी जर्नल ‘वैज्ञानिक, का आरंभ किया गया था तब वे अपने हाथ से वैज्ञानिक लेख लिखकर उसको लिथोग्राफी के माध्यम से प्रकाशित करते थे। बाद में आज से लगभग 35 वर्ष पूर्व हिंदी साहित्य से प्रेम होने के कारण लुप्त होती कहानियों को नवजीवन देने के लिए “कथा बिंब” नामक मासिक पत्रिका आरंभ की। इस पत्रिका को तत्कालीन हिंदी पत्रकार जनसत्ता के संपादक राहुल देव जी ने कई बार आर्थिक सहायता भी की थी। कुल मिलाकर डॉक्टर माधव जीवन भर राजभाषा की सेवा के लिए समर्पित रहे। विपुल लखनवी के अनुसार यह शुद्ध साहित्य की एक बड़ी क्षति कहीं जा सकती है। वर्तमान में गिरते साहित्यिक स्तर में यह पत्रिका एक स्तंभ की भांति उनके संपादन में खड़ी रही थी।