(www.arya-tv.com)अनलॉक-4 में 21 सितंबर से स्कूल खुले। कुछ राज्यों ने स्कूल खुलने की अनुमति दी है तो कई राज्यों ने अभी स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है। अभी सिर्फ 9वीं से 12 वीं तक के बच्चों को गाइडेंस के लिए स्कूल आने को कहा गया है। करीब 6 महीने बाद स्कूल खुलने पर स्टूडेंट्स की संख्या बहुत कम दिखी। जयपुर में तो एक स्कूल ने परिजन से लेटर साइन कराकर बच्चों को स्कूल में एंट्री दी।
मध्य प्रदेश
भोपाल: ज्यादातर प्राइवेट स्कूल बंद रहे। प्राइवेट स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कार्मल कान्वेंट, सागर पब्लिक स्कूल, आईपीएस, द संस्कार वैली और जवाहर लाल नेहरू हायर सेकंडरी स्कूल 21 सितंबर को नहीं खुले। इनका कहना है कि अभिभावकों से बातचीत करने के बाद तय किया है कि फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई ही कराई जाएगी, स्कूल नहीं खोले जाएंगे। शहर के कुछ सरकारी स्कूल खुले और वहां बच्चों को पूरे ऐहतियात के साथ प्रवेश दिया गया। लेकिन, बच्चों की संख्या काफी कम रही।
कार्मल कॉन्वेंट के प्रशासनिक अधिकारी संतोष बोस ने बताया कि फिलहाल स्कूल नहीं खोलेंगे। अभिभावक भी अभी तैयार नहीं हैं। वे ऑनलाइन पढ़ाई से खुश हैं। अगर अभिभावकों के साथ बातचीत में स्कूल खोलने की सहमति बनती है तो उसकी सूचना स्कूल की तरफ से दी जाएगी। भोपाल के जवाहर लाल नेहरू हायर सेकंडरी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सुनील पाठक ने बताया कि डाउट क्लीयरिंग में ये साफ नहीं है कि कितने बच्चे बुलाए जा सकते हैं। फिलहाल हमने स्कूल नहीं खोलने का निर्णय लिया है। इस संबंध में डीईओ से भी बात करेंगे। ऑनलाइन क्लासेस जारी हैं और बच्चों के डाउट भी क्लीयर हो रहे हैं।
इंदौर: सरकारी स्कूल सोमवार को आंशिक रूप से खुल गए। 9वीं से 12वीं तक बच्चे स्कूल में गाइडेंस के लिए आ सकते हैं। ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों ने स्टूडेंट्स को नहीं बुलाया। कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल प्रभा दिनोदरे ने बताया कि करीब 7 महीने बाद खुले स्कूल में सुबह सिर्फ 10 बच्चे पहुंचे। हम पेरेंट्स को मैसेज भेज रहे हैं। हो सकता है कल से कुछ और बच्चे स्कूल आएं। डाउट क्लीयर करने के लिए जिन बच्चों को बुलाया जाएगा, उसका अलग से टाइम टेबल तय किया जा रहा है। जिससे एक साथ बहुत सारे बच्चे न आएं।
चंडीगढ़: सोमवार को सिर्फ सरकारी स्कूल ही खुले। वहां बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया गया। निजी स्कूल नहीं खुले। इस बारे में निजी स्कूलों के संगठन का कहना है कि हमने पेरेंट्स के बीच सर्वे कराया था, जिसमें 80 से 90% पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने को राजी नहीं थे, लिहाजा स्कूल नहीं खोले गए। निजी स्कूलों का कहना है कि ऑनलाइन स्टडी जारी रहेगी। समय-समय पर पेरेंट्स के फीडबैक लिए जाएंगे। अगर पेरेंट्स की बड़ी संख्या बच्चों को स्कूल भेजने को राजी हुई तभी स्कूल खोले जाएंगे।