सरोजिनी नगर। सरोजनीनगर वार्ड राजा बिजली पासी—२ के अर्न्तगत रहीमाबाद में नगर निगम के सम्पत्तिविभाग द्वारा सामुदायिक केन्र्द (बारात घर) हेतु खसरा सँख्या- 1045 की भूमि पर डूडा की बी०एस०यू०पी० परियोजना के अर्न्तगत भू—सम्पत्ति उ०प्र० प्रोजेक्ट कारपोरेशन लि० लखनऊ को वर्ष 2012 में उपलब्ध करायी गयी थी। जिसे उक्त सँस्था द्वारा सामुदायिक केन्र्द के निर्माण का कार्य वर्ष 2015 में पूर्णरूपेण पूरा करके बनाकर तैयार कर दिया गया था, परन्तु बाँऊड्रीवाल न होने के कारण सामुदायिक केन्र्द जर्जर की स्थित में पहुँचने वाला है।
सामुदायिक केन्र्द में लगे समरसियेबुल को भी चोर निकाल ले गये एवँ रात्रि में असामाजिक तत्व भी कभी कभी रहते है खिड़कियों के शीशे भी तोड़कर लोग बरबाद कर रहे हैं। अग्रवाल प्रापर्टी डीलर द्वारा उक्त बारातघर के पीछे के खसरा सँख्या – 1048 चकरोड़ पर भी कब्जा कर अपनी बाउँड्रीवाल कराकर प्लाट बनाकर बेच दिया है। जिससे लगभग 35 फुट चौड़ा चकरोड़ नक्शे से गायब हो गया। ग्रामवासियों द्वारा नगरअायुक्त/ तहसीलदार नगरनिगम से निरन्तर शिकायते की गयी, परन्तु प्रापर्टी डीलर के प्रभाव में न ही नगरनिगम द्वारा चकरोड़ से ही अवैध कब्जे को हटाने की कार्यवाही की गयी और न ही बारातघर की भूमि से कब्जा हटाया गया।
जिससे बारातघर के चालू न होने से ग्रामवासी मायूस हैं। वर्ष 2019 में स्वाती सिंह राज्यमँत्री, (स्वतँत्र प्रभार) उ०प्र० सरकार, से ग्रामवासियों द्वारा अवैध कब्जेदारों से बारात घर की भूमि व रास्ते की भूमि से कब्जा हटाये जाने की शिकायत पर मँत्री द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिसमें प्रोजेक्ट मैनेजर यू०पी०पी०सी० एल०, तहसीलदार —सरोजनी नगर, लेखपाल नगरनिगम व लेखपाल राजस्व अादि अन्य अधिकारीगणों की उपस्थित में तत्काल, अवैध कब्जों को हटाने के दिशा—निर्देश दिये गये, परन्तु एक वर्ष व्यतीत होने के उपरान्त अभीतक लेखपाल, नगर निगम/राजस्व द्वारा सामुदायिक केन्र्द को अाबंटित भूमि व दबंग प्रापर्टी डीलर द्वारा रास्ते में किये गये, अवैध कब्जे को हटाने की कार्यवाही विगत 6 वर्षो से नहीं की जा रही है। मंत्री द्वारा जनहित में दिये गये निर्देशों को भी दरकिनार कर दिया है।
नगरनिगम द्वारा वर्ष 2015 से जीविकोपार्जन केन्र्द (लिवली हुड) भवन हेतु भी भूमि भी यूo पीoपीoसीoएलo को अभीतक उपलब्ध नहीं कराये जाने से योजना का कार्य अभीतक अवरूद्व पड़ा है।