आखिर उन्हें शर्म क्यों नहीं आई! शहीदों का ऐसा सम्मान

## Lucknow
Suyash Mishra
Suyash Mishra

लखनऊ। कभी एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मारने वाले पुलिस कॉन्टेबल प्रशांत चौधरी के समर्थन में पुलिसकर्मी काली पट्टी बांधकर विरोध पर उतर आए थे। आज उन पुलिसकर्मियों को शर्म से डूब जाना चाहिए।

इस कोलाज में तीन तस्वीरे हैं। ‘तस्वीर 1’ उन दो जवानों की है जिन्हें संभल में बुधवार को कैदियों ने शहीद किया और फरार हो गए। दूसरी तस्वीर सफेद कपड़ों में लिपटा उनका शव है जिस पर मालाएं चढ़ाई जा रही हैं। वहीं तीसरी तस्वीर है श्रीदेवी की। एक फिल्म नायिका हैं, जिन्होंने कई मशहूर फिल्में बनाई। श्रीदेवी की जब मौत हुई तो उनके शव को तिरंगा नसीब हुआ। उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदा किया गया। वहीं दूसरी ओर पुलिस का वह सिपाही जो कैदियों से सामना करते हुए शहीद हो गया। उसके शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई।

मजबूरन उसे एक डाले पर ले जाया गया। इतना ही नहीं उसके शव पर अर्थी का सफेद कपड़ा दिया गया जबकि श्रीदेवी को तिरंगा। एक शहीद का इससे बड़ा मजाक और नहीं हो सकता। सिर्फ सरकार की नहीं पुलिस म​हकमें को भी शर्म आनी चाहिए। साथ ही उन पुलिसकर्मियों को भी शर्म से डूब जाना चाहिए, जो एक आरोपी के समर्थन में विरोध पर उतर आए थे, लेकिन आज जब उनके ही दो साथियों का घोर अपमान हुआ तो उनके मुंह सिल से गए। आखिर क्यों?