पाकिस्तान भारत सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले के खिलाफ अतंरराष्ट्रीय हस्तक्षेप या मध्यस्थता चाहता है। शुक्रवार को पाकिस्तान की कोशिशों को उस समय झटका लगा जब संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और चीन ने उसका साथ देने से मना कर दिया।
रूस ने कहा- भारत ने 370 पर संवैधानिक फैसला लिया
वहीं शनिवार को अनुच्छेद 370 पर भारत सरकार के फैसले का रूस ने भी समर्थन किया है। रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में जो भी परिवर्तन किए गए हैं वह भारतीय गणराज्य के संविधान के ढांचे के तहत किया गया है।
रूस के विदेशा मंत्रालय ने कहा है, हम भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के सामान्यीकरण का समर्थक है। हमें उम्मीद है कि उनके बीच के मतभेदों को द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और राजनयिक तरीकों से हल किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान, भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए बदलाव के बाद किसी तरह के तनाव को बढ़ावा नहीं देंगे।
पाकिस्तान ने यूएन से लगाई गुहार
इससे पहले छह अगस्त को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को पत्र लिखा था। मगर यूएन ने उसकी अपील को खारिज कर दिया। पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका चीन ने दिया जो उसका हर परिस्थिति में साथ देने वाला सहयोगी माना जाता है। भारत के कुछ कूटनीतिक कदमों ने इस बात को सुनिश्चित किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) पाकिस्तान के उस पत्र का संज्ञान न ले जिसमें उसने जम्मू कश्मीर के मसले पर हस्तक्षेप करने की मांग की थी।