महामारी के बीच कैसे चलेगा परिवार:जान जोखिम में डालकर घर-घर उठाते हैं कूड़ा, फिर भी 3 महीने से नहीं मिला वेतन

Environment Health /Sanitation Lucknow

(www.arya-tv.com)हर समय खतरे के बीच काम करने और कोरोना संक्रमित समेत शहर के सभी परिवार से कू़ड़ा उठाने वाली गाड़ियों के चालकों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। महज 9200 रुपए वेतन पाने वाले 204 चालकों का घर चलाना मुश्किल हो गया है। दूसरी तरफ से वेतन न मिलने से नाराज नगर निगम आरआर विभाग कर्मचारी संगठन ने काम बंद करने की चेतावनी भी जारी कर दी है।

विभाग के कर्मचारियों के समर्थन में नगर निगम के दूसरे संगठन भी आ गए हैं। इनको एक दिन के करीब 308 रुपए दिए जाते हैं। नगर निगम – जलकल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि मिश्रा ने भी उनके समर्थन में काम बंद करने की बात कही है। संगठन की तरफ से मांग की गई है कि सभी कर्मचारियों का वेतन ईद से पहले दे दिया जाए।

जान जोखिम में डालकर करते हैं काम

उन्होंने कहा कि कूड़ा निस्तारण का काम कर रहे यह कर्मचारी हर समय जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। उसके बाद भी उनको समय से वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। स्थिति यह है कि उनके बच्चों का नाम तक स्कूल से कटवाने की नौबत आने लगी है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि वेतन के अलावा उनके ईपीएफ और ईएसआई का पैसा भी ठेकेदार कहा लगाते हैं। इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है। उन्होंने कहा कि 204 चालकों के अलावा 102 अन्य श्रमिक हैं, जिनको वेतन नहीं दिया गया है। जल्द ही वेतन नहीं दिया गया तो कर्मचारी उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे। इसको लेकर नगर आयुक्त को पत्र लिखा जा चुका है। उसके बाद भी वहां से कोई मदद नहीं मिलती है।

लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि सभी लोगों को समय से वेतन मिलना चाहिए। इसको लेकर नगर आयुक्त को निर्देश दिया जाएगा। कोशिश होगी कि कर्मचारियों को ईद से पहले वेतन मिल जाए। मौजूदा दौर में वह सबसे कठिन काम कर रहे है।