(www.arya-tv.com) टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को रेगुलेट करने के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने की सिफारिश की है।
TRAI ने गुरुवार को अपनी 10 पन्नों की सिफारिशों में कहा कि AI को रेगुलेट करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डेटा अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AIDAI) को तुरंत एक इंडिपेंडेंट संवैधानिक अथॉरिटी के रूप में स्थापित करना चाहिए।
AI रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में दो तरह की संस्थाएं हों
ट्राई ने सुझाव दिया है कि AI को रेगुलेट करने के लिए दो तरह की संस्थाएं हों। एक इंडिपेंडेंट संवैधानिक अथॉरिटी और दूसरी मल्टी स्टेकहोल्डर्स बॉडी, जो सलाहकारी संस्था के तौर पर संवैधानिक अथॉरिटी की मदद करेगी। वहीं, इंडिपेंडेंट संवैधानिक अथॉरिटी का काम अलग-अलग पहलुओं पर नियम बनाना और सिफारिशी निकाय के रूप में काम करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
एक रेगुलेटरी अथॉरिटी होना चाहिए।
ट्राई ने कहा कि AI का प्रभाव केवल टेलीकॉम सेक्टर तक ही सीमित नहीं है। इसमें स्वास्थ्य, फाइनेंस, ट्रांसपोर्टेशन, एजुकेशन, एग्रीकल्चर सहित अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करने की क्षमता है। इसलिए केवल टेलीकॉम पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सभी क्षेत्रों में AI के प्रभाव की जांच करने के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी होना चाहिए।
रेगुलेट करने के लिए नियम पेश किए
इस साल की शुरुआत में यूरोपीय यूनियन के सांसदों ने AI टेक्नोलॉजी को है। इसके साथ ही अन्य देश में भी AI के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के लिए बहस कर रहे हैं।
इसी बीच मई महीने में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था,”जब ChatGPT और बार्ड जैसे AI प्लेटफॉर्म की बात आती है तो कॉपीराइट और एल्गोरिथम को लेकर चिंताएं सामने आती हैं। यह किसी एक देश का मुद्दा नहीं है। यह वैश्विक मुद्दा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय नजरिए से देखा जाना चाहिए। AI प्लेटफॉर्म के बढ़ते प्रभाव को विभिन्न देश देख रहे हैं। भारत में AI से रिलेटेड कानून अन्य समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर तैयार किया जाएगा।’
हाल ही में एलन मस्क ने xAI कंपनी और मेटा ने ‘लामा-2’ लॉन्च किया है
टेस्ला और स्पेसएक्स के CEO एलन मस्क ने यूनिवर्स के रियल नेचर को समझने के गोल के साथ एक नई AI कंपनी की शुरुआत की। इस कंपनी का नाम xAI है। इस दौरान मस्क ने कहा कि AI 5 साल में ह्यूमन इंटेलिजेंस से आगे निकल जाएगा। इसके साथ ही मेटा ने AI लैंग्वेज मॉडल लामा-2 लॉन्च किया है, जिसे रिसर्च और कॉमर्शियल पर्पज के लिए फ्री में यूज किया जा सकता है।