(www.arya-tv.com)रिजर्व बैंक ने एक बार फिर प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले मई 2020 में रेपो रेट को घटाया गया था। इससे अगर आपने बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) किए हैं या करने वाले हैं तो आपको घाटा हो सकता है।
डिपॉजिट और उधारी दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं
FD की ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के फैसले का असर काफी होता है। अगर रिजर्व बैंक दरें घटाता तो आपकी FD पर और कम ब्याज मिलता। अगर वह रेपो रेट को बढ़ा देता तो आपको FD पर ज्यादा ब्याज मिलता। दरअसल, डिपॉजिट और उधारी दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं। यानी, जब लोन पर ब्याज दर कम होगा तो डिपॉजिट पर भी कम होगा। ऐसा इसलिए कि बैंक आपसे जो डिपॉजिट 5 या 6% पर लेता है, वही पैसा आपको लोन के समय में 7-8% पर देता है। बैंक की यही प्रमुख कमाई है। बैंक के पास अपना खुद का पैसा बहुत कम रहता है।
ब्याज दरें निचले स्तर पर हैं
रिजर्व बैंक ने दरों को जस का तस रखा है तो आपको मिलने वाला ब्याज भी जस का तस रहेगा। लोन की तरह ही इस समय बैंक की FD पर ब्याज दरें निचले स्तर पर हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में रिजर्व बैंक रेपो रेट को बढ़ा सकता है।
रेपो रेट में बढ़ोत्तरी हो सकती है
अगर आप नई FD की योजना बना रहे हैं तो आपको कम समय के लिए इसे करना चाहिए। अगर पहले की FD है और रिन्यूअल कर रहे हैं तो भी कम समय के लिए इसे करिए। यानी 6 महीने या एक साल के लिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि उसके बाद रेपो रेट में बढ़ोत्तरी हो सकती है। उसके बाद आप इसी पैसे को नई FD के रूप में रख सकते हैं।
अलग-अलग समय के लिए पैसों को फिक्स करें
अगर आप FD करना ही चाहते हैं तो आपको इसके लिए पैसों को कई साल के अलग-अलग समय में FD करना चाहिए। मान लीजिए आपके पास 1 लाख रुपए हैं तो आप इसे 4 हिस्सों में कर सकते हैं। यानी इसमें से 1 साल, 2 साल, 3 साल और 4 साल के लिए 25-25 हजार रुपए फिक्स्ड कर सकते हैं। एक साल के बाद जब आपकी डिपॉजिट का समय पूरा हो जाए तो आप इसे फिर से लंबे समय के लिए फिक्स कर सकते हैं।
दो साल के समय पूरा होने पर आप उसे भी 4 साल के लिए फिर से FD कर सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आपका पूरा पैसा एक ही समय के लिए कम ब्याज दर पर लॉक नहीं हुआ है। इस तरह की योजना से आपको उसी 1 लाख पर ज्यादा ब्याज मिल सकता है।
लंबे समय के लिए बांड ले सकते हैं
अगर आप चाहते हैं कि लंबे समय के लिए एक ही बार में पैसे को जमा कर दिया जाए तो इसके लिए आप बांड ले सकते हैं। बांड पर वैसे भी ब्याज दर ज्यादा रहती है। काफी सारे बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां फ्लोटिंग रेट वाली फिक्स्ड डिपॉजिट भी ऑफर करते हैं। आप चाहें तो इसे भी देख सकते हैं। ऐसे डिपॉजिट में रेट के बढ़ने और घटने का फायदा और घाटा दोनों आपको होता है। मतलब अब आगे ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद है तो आपको इसका फायदा मिल जाएगा।