दिवालिया कंपनी को खरीदने की योजना बना रहे हैं मुकेश अंबानी

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(www.arya-tv.com) मुकेश अंबानी अब दिवालिया कंपनी को खरीदने की योजना बना रहे हैं। सिंटेक्स इंडस्ट्रीज को उन्होंने खरीदने के लिए बोली लगाई है। उनके साथ ही 16 कंपनियों की बोली को स्वीकार किया गया है।

सिंटेक्स के भाव चढ़े

इस खबर के बाद से सिंटेक्स का शेयर 5% के अपर सर्किट के साथ 5.12 रुपए पर पहुंच गया। पिछले हफ्ते यह शेयर 4.62 रुपए पर बंद हुआ था। जानकारी के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सिंटेक्स के लिए असेट केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन इंटरप्राइज (ACRE) के साथ बोली लगाई है। इसके अलावा बिड़ला असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC), वेलस्पन ग्रुप और विदेशी  इन्वेस्टर्स ने भी बोली लगाई है।

 सिंटेक्स दिवालिया कंपनी है

सिंटेक्स दिवालिया कंपनी है। जिन अन्य कंपनियों का एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EOI) सिंटेक्स के लिए मिला है, उसमें एडलवाइस अल्टरनेटिव असेट, प्रूडेंट ARC, ट्राइडेंट, बंगलुरू की हिमाकसिंका वेंचर्स, पंजाब की लोटस होम टेक्सटाइल्स, इंडोकाउंट, नितिन स्पिनर्स और अन्य कंपनियां हैं।

सिंटेक्स इंडस्ट्रीज ग्लोबल फैशन ब्रांड

सिंटेक्स इंडस्ट्रीज ग्लोबल फैशन ब्रांड जैसे अरमानी, हुगो बास, डीजल और अन्य को सप्लाई करती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) हालांकि इस तरह के अधिग्रहण नहीं करती है, पर उसने सिंटेक्स के लिए दांव लगा दिया है। इससे पहले इसने केवल आलोक इंडस्ट्रीज के लिए बोली लगाई थी। इसमें उसने JM फाइनेंशियल के साथ भागीदारी की थी।

गुजरात की सिंटेक्स लिमिटेड को अप्रैल में इंसॉल्वेंसी प्रोसेस के लिए स्वीकार किया गया था। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की अहमदाबाद की बेंच ने इसे दिवालिया के लिए मंजूरी दी थी। सिंटेक्स इन्वेस्को असेट मैनेजमेंट का 15.4 करोड़ रुपए का ब्याज चुकाने में फेल हो गई थी। यह ब्याज सितंबर 2019 में सिंटेक्स को उसके बांड में निवेश पर चुकाना था।

डील काफी कम

सिंटेक्स को कर्ज देने वाले बैंकों में HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, RBI, आदित्य बिड़ला फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, LIC और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) आदि हैं। पंजाब नेशनल बैंक (PNB), पंजाब एंड सिँध बैंक और कर्नाटक बैंक ने सिंटेक्स के अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया था। इस साल की शुरुआत में वेलस्पन ग्रुप ने 1,950 करोड़ रुपए का ऑफर देकर मामले को सेटल करने की कोशिश की थी। पर दो बड़े बैंको की वजह से यह ऑफर फेल हो गया। क्योंकि उन बैंकों का मानना था कि 1,950 करोड़ रुपए की डील काफी कम है।