बारिश ने संक्रमण को दी रफतार, अब सावधानियां नहीं तो जीवन नहीं

Agra Zone Health /Sanitation UP

आगरा।(www.arya-tv.com) जिले में लगातार संक्रमण फैलने से लोगों में पहले से ही चिनता बनी हुई है इसके साथ एक और समस्या सामने आ रही है, जैसा की पहले ही चेताया जा रहा था कि बारिश और ठंडी के दिनों में कोरोना की रफतार और तेज हो जाएगी, इसका असर अब दिखने लगा है,यूं तो बारिश में खांसी, जुकाम और बुखार सामान्य बात है लेकिन कोरोना काल में अब यह सामान्य नहीं रहा है।

जरा सी लापरवाही कोरोना संक्रमण दे सकती है। इसलिए जब भी घर से निकलें मास्क लगाकर निकलें। छह फीट की दूरी का पालन करें और जेब में हमेशा सेनिटाइजर रखें या फिर मौका मिलते ही साबुन से हाथ धो लें।

बात ही कुछ ऐसी है। बारिश में डेंगू और मलेरिया का साथ पाकर कोरोना जवां होगा। एसएन की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. आरती अग्रवाल का कहना है कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया बुखार के लक्षण एक ही तरीके के होते हैं।

बारिश में भीगने से बुखार आ जाता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है। अगर ऐसा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आ जाता है तो इससे उसे जल्द इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। कई बार संबंधित व्यक्ति को इसका पता नहीं चल पाता है। ऐसे में कोरोना से बचाव के जो उपाय हैं।

उनका पालन करना चाहिए। वहीं खांसी, जुकाम या फिर बुखार है तो घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगले माह से डेंगू और मलेरिया के केस आने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। नोडल अफसर डॉ. अंशुल पारीक का कहना है कि खुद को सेहतमंद रखना होगा।

दस साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग घर में ही रहें तो अच्छा है। बहुत जरूरी होने पर मास्क लगाकर निकल सकते हैं। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया में अधिकांश लक्षण एक जैसे हैं। कोरोना के लक्षणों से मिलते जुलते हैं।

ऐसे में जागरूकता से बचाव का एक मात्र हथियार है। शहर के जिस क्षेत्र में डेंगू या फिर मलेरिया का केस सामने आएगा। नगर निगम की टीम उस क्षेत्र में सघन फॉगिंग कराएगी। साथ ही एंटी लार्वा का छिड़काव भी कराया जाएगा। जागरूकता के लिए अभियान भी चलेगा।

स्वास्थ्य विभाग जल्द ही सभी विभागों को दिशा-निर्देश जारी करने जा रहा है। विभागों में जो भी कूलर या फिर आसपास पानी एकत्रित होने के आसार हैं। उस पर संबंधित विभाग को काम करना होगा। पानी एकत्रित न हो, इसका ध्यान रखना होगा।

एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू होता है। इसका मच्छर स्वच्छ पानी में रहता है। यह गमले में भरे पानी, कूलर, छत पर पड़े टायर या फिर अन्य बर्तनों में भरे पानी में पनप सकता है। इसमें मरीज को ठंड लगने के साथ बुखार आ सकता है।

सिर में दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द होता है। उबकाई आना, भूख न लगना, अत्याधिक कमजोरी महसूस करना, शरीर पर लाल-लाल दाने पड़ना, गले में हल्का दर्द रहना, आंख और नाक से खून आना शामिल है।

एडीज मच्छर के काटने बुखार आ जाता है। बशर्ते संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटे। इसमें तेज बुखार आना, जोड़ों में तेज दर्द रहना, शरीर पर चकत्ते पड़ना, सिर में तेज दर्द, मांसपेशियाें में खिंचाव, चक्कर आना शामिल है।

इसका वाहक मादा एनाफिलीज है। यह गंदे पानी में रहती है। जैसे ही मच्छर काटते हैं। परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर जाते हैं। इससे एनीमिया के लक्षण उभरने लगते हैं। प्रमुख लक्षणों में बुखार, सर्दी लगना, उबकाई आना, जुकाम हो जाता है।

कई मामलों में मरीज बेहोश हो जाते हैं। बारिश के दौरान डायरिया कॉमन बीमारी है। इससे शरीर में तेजी से कमजोरी आ जाती है। समय रहते इलाज न मिलने पर मौत भी हो सकती है। खूनी पेचिश सहित अन्य बीमारियां शामिल हैं।

छह फीट की शारीरिक दूरी का पालन जरूरी है। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं। डेंगू और मलेरिया की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।