रामायण मानव मन के संशय दूर करती है। -स्वामी अभयानंद सरस्वती

Lucknow

चांसलर क्लब आश्यिाना में हो रही ‘‘रामकथा’’ के पहले दिन महामण्डलेश्रवर स्वामी अभयानंद सरस्वती जी ने कहा सनातन शास्त्रों ने लोक कल्याण के लिए जीवन दृष्टि दी है। जैसे श्रीमद्भगवतगीता, जीवन जीने की कला सिखाती है। श्रीमद् भागवत महापुराण मरने की कला सिखाती है। उसी प्रकार श्री रामचरित मानस संशय दूर करने की कला सिखाती है।
सत्य सनातन सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में राम कथा के किष्किंधा कांड को स्वामी ने मानस का हृदय है। तीन कांड पहले और तीन कांड बाद में उनके मध्य में है किष्किंधा कांड। जैसे मनुष्य के शरीर में हृदय मध्य में होता है उसी प्रकार किष्किंधा कांड मानस का हृदय है।
कथा के आयोजन कर्ता अनुराग गुप्ता ने बताया कि कथा रोज सायं 4ः00 बजे से 6ः00 बजे तक 14 सितम्बर तक होगी। आज का व्यास पूजन आलोक गुप्ता, सीमा गुप्ता, अनुराग गुप्ता, संध्या गुप्ता, अर्चना गुप्ता और गुड्डन गुप्ता ने किया, इस अवसर पर त्रिवेणी अलमीरा के अध्यक्ष वरूण तिवारी जी भी उपस्थित थे।